नई दिल्ली : गोरक्षा के नाम पर हो रही हिंसक घटनाओं (लिंचिंग )पर सोमवार को लोकसभा में चर्चा के दौरान विपक्ष के तीखे आरोपों का सरकार की तरफ से केंद्रीय गृह राज्यमंत्री किरन रिजिजू ने बेहद सधे और आक्रामक लहजे में जवाब देते हुए विपक्ष को आगाह किया कि वह गलत तरीके से सरकार को बदनाम न करे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी ऐसी घटनाओं का समर्थन नहीं किया है .उन्होंने दृढ़ता के साथ कहा कि हमें [ भाजपा ] जितना बदनाम करोगे, हम उतने ही मजबूत होंगे. रिजिजू द्वारा अच्छी हिंदी में दिए गए भाषण की लोक सभा स्पीकर सुमित्रा महाजन यानी ताई ने तारीफ कर बधाई दी. गौरतलब है कि विपक्ष की मांग पर शुरू हुई चर्चा की शुरुआत कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन ख़़डगे ने की. उन्होंने हिंसा की घटनाओं को लेकर सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि हिंदुस्तान को लिंचिस्तान न बनाएं.असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि हमारी ल़़डाई हिंदुत्व के खिलाफ नहीं है, बल्कि ऐसे लोगों के खिलाफ है, जो हिंदुत्व के ठेकेदार बने हैं. चर्चा में तृणमूल कांग्रेस नेता प्रोफेसर सौगत राय ने भी हिस्सा लिया. सरकार की ओर से केंद्रीय गृह राज्यमंत्री किरण रिजिजू ने विपक्ष के एक -एक आरोप का करारा जवाब दिया. बता दें कि रिजिजू ने 2013के पहले उप्र और पश्चिम बंगाल की हिसा की घटनाओं को जब गिनाना शुरू किया, तो विपक्ष सकते में आ गया . राज्यमंत्री ने राज्यों से जुटाए गए हिसा के आंक़़डे पेश कर विपक्ष की बोलती बंद कर दी. रिजिजू ने ब़़डे स्पष्ट शब्दों में कहा कि देश कानून से चलता है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी कह चुके हैं कि हिसा की ऐसी घटनाओं की देश में कोई जगह नहीं है. ऐसा करने वालों के खिलाफ सख्ती से निपटा जाना चाहिए.चर्चा खत्म होने पर लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने रिजिजू की तारीफ कर कहा कि अच्छी हिंदी बोलने के लिए आपको बधाई. जानिए क्या चल रहा है हमारे देश की राजनीती में, पढिये राजनीतिक पार्टी से जुडी ताज़ा खबरें राजस्थान में आसमान से बरसी आफत, भीषण बारिश से 615 गायों की मौत राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ का बड़ा बयान- गोरक्षा के नाम पर हिंसा का नहीं करते है समर्थन