नई दिल्ली- दिल्ली के नेशनल लेवल के बॉक्सिंग मेडलिस्ट 22 वर्षीय अक्षय मारे रोज़ सुबह लोगो के घर में पेपर बाटने का काम करते है. आपको बता दे नेशनल लेवल के बॉक्सिंग मेडलिस्ट अक्षय मारे की आर्थिक स्थिति ठीक न होने के चलते लोगो के घर पेपर बांटने के काम करते है. परिवार की आर्थिक स्थिती ठीक न होने के कारण वे बॉक्सिंग की दुनिया में ऊंचाई नहीं पा सके. गौरतलब है की अक्षय नेशनल लेवल बॉक्सिंग कॉम्पिटीशन में ब्रोन्ज मेडल जितने के साथ चार बार 4 बार स्टेट लेवल पर भी मेडल जीत चुके हैं. उनका घर बहुत छोटा है जिसमे उनके माता-पिता और दो भाई रहते है. परिवार चलाने के लिए उनकी माँ लोगो के घर जाकर काम करती है, अक्षय पेपर बांटते है, और उनके बड़े भाई लोगो के घर दूध बताने जाते है. बता दे कि अक्षय लोगो के घर पेपर बाटने के बाद अरुण कुमार वैद्य स्टेडियम जाकर बॉक्सिंग की प्रेक्टिस करते है. वही अक्षय के कोच का कहना है के अक्षय को उनके दोस्त और कोच उन्हें आगे बढ़ाने के लिए मदद करते है. नहीं तो एक समय अक्षय के पास बॉक्सिंग ग्लब्स खरीदने के भी पैसे नहीं थे. फ़िलहाल अक्षय नेशनल बॉक्सिंग कॉम्पिटीशन और Bombay Engineering Group (BEG) में जॉब की भी तैयारी कर रहे है. फन रन एरीना Multiplayer रेस एंड्राइड गेम नेशनल कबड्डी प्लेयर का रेप कर सड़क पर छोड़ा, कहा - किसी को बताना नहीं