नई दिल्ली: हाथरस सामूहिक दुष्कर्म मामले के बाद महिला सुरक्षा को लेकर लगातार सवाल खड़े हो रहे हैं। कई मामले इस बीच अन्य राज्यों से भी दर्ज किए गए हैं। हालाँकि, देश में इस घृणित अपराध पर वास्तविक स्थिति क्या है? इसे बिना आँकड़ों के नहीं समझा जा सकता और न ही एक केस से अंदाजा लगाया जा सकता है कि कौन सी सरकार महिलाओं को सुरक्षा प्रदान करने में सबसे अधिक नाकाम रही है। हाल ही में राष्‍ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्‍यूरो (NCRB) ने अपनी वेबसाइट ncrb.gov.in पर आँकड़ों सहित ‘भारत में अपराध’ शीर्षक के साथ रिपोर्ट जारी की है। इसमें महिलाओं के खिलाफ हुए अपराधों को राज्यवार कई श्रेणियों में विभाजित किया गया है। NCRB द्वारा जारी की गई सूची के अनुसार, साल 2019 में भारत में दुष्कर्म के 30,641 मामले सामने आए थे। इनमें दुष्कर्म पीड़िताओं की तादाद 30868 है। रिपोर्ट बताती है कि 94 फीसद मामलों में पीड़िता के साथ दुष्कर्म करने के आरोपित उनके जान-पहचान के थे। सूची के अनुसार, सबसे अधिक दुष्कर्म की घटनाएँ राजस्थान में सामने आई थीं। वहाँ गत वर्ष 5997 मामले दर्ज किए गए। यानी रोज़ाना का औसत देखा जाए तो राज्य में रोज़ाना 16 दुष्कर्म की घटना हुईं। सूची के अनुसार, राज्य में रेप पीड़िताओं की संख्या 6051 है। इतना ही नहीं राज्य में प्रति लाख जनसंख्या पर अपराध की दर 15.9 है। पेट्रोल-डीजल की कीमतों में क्या हुआ बदलाव, यहाँ जानें आज के भाव रिलायंस रिटेल में आई निवेश की बहार, ये दो कंपनियां करेंगी अरबों डॉलर का इन्वेस्टमेंट नीरव मोदी मामला: CBI ने PNB के सेवानिवृत्त अधिकारी के खिलाफ दायर की नई चार्जशीट