सेना पर साइबर हमला, इन पड़ोसी देशों के हाथ होने की संभावना

शुक्रवार की देर रात देश की सेनाओं पर हैकर्स ने साइबर हमला किया. हमले के बाद तीनों सेनाओं के साइबर विंग ने आपात चेतावनी देते हुए सभी कर्मचारियों और अधिकारियों को आगाह किया कि अटैचमेंट के साथ 'नोटिस' शीर्षक वाले ईमेल को न खोलें। शनिवार को सूत्रों ने यह जानकारी दी.

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मीडिया रिपोर्ट के अनुसार इमरजेंसी अलर्ट में कहा गया है कि एचएनक्यू नोटिस फाइल.एक्सएलएस डाउनलोड नाम के हाइपरलिंक के साथ फिशिंग मेल सैन्य कर्मियों को भेजे जा रहे हैं. यह मेल खासतौर से 'पीआरवीआइएनएवाइएके.598के एट जीओवी.आइएन' ईमेल आइडी से भेजे जा रहे हैं. बता दे कि अलर्ट में कहा गया है कि इस तरह का सब्जेक्ट, ईमेल आइडी और लिंक के साथ भेजा जाता है तो सावधान रहना चाहिए. इनबॉक्स में ऐसे मेल मिलते हैं तो उन्हें कतई खोला न जाए, बल्कि उन्हें रिपोर्ट किया जाए या फिर डिलीट कर दिया जाए.

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अपने बयान में सेना के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि देश के महत्वपूर्ण इंफ्रास्ट्रक्चर पर साइबर हमला पाकिस्तान या चीन से हो रहा है. हाल में जैसे ही ये हमले तेज हुए, हमारी साइबर यूनिट अलर्ट हो गई है. सरकार ने भी सशस्त्र बलों के लिए डिफेंस साइबर एजेंसी स्थापित करने की योजना बनाई है. सिर्फ सैन्य साइबर मसलों पर फोकस के लिए स्थापित की जाने वाली इस एजेंसी का काम चीन और पाकिस्तान जैसे विदेशी ठिकानों से उत्पन्न खतरों से निपटना है.

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