फास्टैग की पर्याप्त घोषणा के बावजूद उपलब्धता सुनिश्चित करने में एनएचएआइ के विफल रहने के कारण सरकार ने फास्टैग की अनिवार्यता की तारीख को 15 दिनों तक बढ़ाने का निर्णय लिया है. इसके तहत अब बिना फास्टैग वाहनों के फास्टैग लेन में प्रवेश पर 15 दिसंबर तक कोई जुर्माना नहीं वसूला जाएगा. इससे पहले 1 दिसंबर के बाद फास्टैग लेन में प्रवेश करने वाले बिना फास्टैग लगे वाहनों से दोगुना टोल वसूलने का प्रावधान किया गया था. भाजपा का महाविकास अघाड़ी पर बड़ा आरोप, पलटवार करते हुए सरकार को घेरने की कोशिश आपकी जानकारी के लिए बता दे कि ये निर्णय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी की एनएचएआइ के अधिकारियों के साथ हुई समीक्षा बैठक के बाद लिया गया है. बैठक में गडकरी ने वादे के अनुसार लोगों को समय पर फास्टैग उपलब्ध न करा पाने के लिए एनएचएआइ अफसरों की जमकर क्लास लगाई. नागरिकता संशोधन विधेयक को बहुत हो रहा विरोध, संसद में अगले हफ्ते पेश होने की संभावना पिछले कई महीनों से एनएचएआइ अफसर फास्टैग की तैयारियों के बारे में सड़क मंत्रालय को गलत जानकारियां दे रहे थे. वे लगातार सब कुछ दुरुस्त होने का भरोसा दे रहे थे। और इसी आधार पर गडकरी ने 22 नवंबर की प्रेस कांफ्रेस में फास्टैग को 1 दिसंबर तक मुफ्त उपलब्ध कराने का एलान कर दिया था. ये अलग बात है कि मंत्री की घोषणा एनएचएआइ वादा निभाने में विफल रही.एनएचएआइ के भरोसे पर ही गडकरी ने 1 दिसंबर तक एनएचएआइ के तमाम पीओएस पर मुफ्त फास्टैग मिलने का ऐलान भी कर दिया था, लेकिन एनएचएआइ एक भी पीओएस पर पर्याप्त संख्या में मुफ्त फास्टैग उपलब्ध नहीं करा सकी. जिन स्थानों पर मुफ्त फास्टैग के कियास्क लगाए गए थे वे भी बाद में उठा लिए गए. दहेज प्रताड़ना का विरोध करने पर शादीशुदा को तीन तलाक जलवायु परिवर्तन पर बच्चों ने विरोध का बिगुल फूंका, सरकार के सामने रखी अपनी बात सुप्रीम कोर्ट का नया रोस्टर जारी, जनहित याचिका को लेकर बड़ा निर्णय