हमारा देश हर साल आज ही के दिन राष्ट्रीय बालिका शिशु दिवस (National Girl Child Day) मनाया जाता है. साथ ही इस दिन को देश की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को नारी शक्ति (women Power) के तौर पर याद भी किया जाता है. जबकि दूसरी ओर प्रति वर्ष 11 अक्टूबर को दुनिया भर में अंतर्राष्ट्रीय बालिका दिवस भी मनाया जाता है. साल 2008 में भारत में महिला एंव बाल विकास मंत्रालय ने आज ही के दिन राष्ट्रीय बालिका दिवस मनाने की घोषणा की थी. भारत सरकार के इस अभियान के तहत भारत में लड़कियों के साथ होने वाली असमानता और भेदभाव के प्रति जन जागरुकता लाने का प्रयत्न किया जाता है. हमारे देश में लड़कियों को नए-नए मौके मिले, हर क्षेत्र में वे तरक्की करें, उनके साथ किसी प्रकार का अत्याचार या भेदभाव ना ही इन सब बातों पर काफी ध्यान दिया जाता है. लेकिन आज भी हमारे देश और समाज में बेटियों को बेटों के मुकाबले कम आंका जाता है और उन्हें लड़कों की तरह बराबरी की निगाहों से नहीं देखा जाता है. यह है राष्ट्रीय बालिका दिवस मानाने के पीछे का उद्देश्य ? - समाज में बालिकाओं के प्रति फैल रही असमानता को समान करना. - इसका उद्देश्य हर बालिका को समाज में उचित सम्मान और महत्व दिलाना है. - इसके तहत देश की हर बालिका को उसके सभी मानव अधिकार प्रदान किए जाएं. - साथ ही भारत में बाल लिंगानुपात के खिलाफ कार्य करना और लोगों को जागरुक बनाना भी इसका प्रमुख उद्देश्य है. - बालिका शिशु के महत्व और भूमिका को लेकर भी लोगों को जागरुक करना इसका मकसद है. 100 करोड़ की लागत से बनेगा बाला साहेब का स्मारक, क्या सुधरेंगे भाजपा और शिवसेना के सम्बन्ध ? कानपूर में शुरू हुआ RSS का चिंतन शिविर, 30 जनवरी तक यहाँ प्रवास करेंगे मोहन भागवत बिहार की अदालत में अल्पेश ठाकुर और विजय रूपानी पर चलेगा मुकदमा