नई दिल्ली : जिस तरिके से लगातार एक के बाद एक देश भारत के आईटी पेशेवरों पर प्रतिबंध लगाने के लिए अपने वीज़ा नियम बदल रहे हैं, सरकार ने भी अब इससे निजात पाने के लिए मूड बना लिया है। बता दे कि भारत इन बांधाओं को आव्रजन से जुड़ा मुद्दा नहीं मानेगा, बल्कि इन्हें कारोबार और वाणिज्य से जुडे़ मुद्दे के तौर पर उठाएगा। भारत ने वीज़ा प्रतिबंध लगाकर नुकसान पहुंचाने वाले अमेरिका और आस्ट्रेलिया जैसे देशों को बता दिया है कि उनकी अनगिनत कंपनियां यहां वर्षों से काम कर रही हैं। आपको बता दे कि भारत ने इन देशों की संरक्षणवादी नीतियों के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय आवाज की अगुवाई करने का भी फैसला किया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गोपाल बागले से जब अमेरिकी सरकार की तरफ से एच-1बी वीजा में नए सख्त नियम बनाने के बारे में पूछा तो उन्होंने जवाब दिया कि, ''हम पूरी स्थिति पर नजर बनाये हुए हैं। भारतीयों ने अमेरिका की अर्थव्यवस्था में काफी योगदान दिया है।" जैसा की सब जानते है कि भारतीय प्रोफेशनल दोनों देशों को आपस में जोड़ने का काम करते हैं। इस पर उद्योग व वाणिज्य मंत्री निर्मता सीतारमण ने भी भारत की ओर संकेत करते हुए कहा कि भारतीय कंपनियां अमेरिका में काम कर रही हैं तो वर्षो से कई अमेरिकी कंपनियां भारत में भी काम कर रही हैं। जब उनसे पूछा गया कि क्या भारत अमेरिका व आस्ट्रेलिया के खिलाफ डब्लूटीओ में मामला ले जाएगा तो इस पर उनका जवाब था कि, ''अभी हम ऐसा नहीं चाहते लेकिन हां हम यह जरुर सुनिश्चित करेंगे कि हमारे साथ कोई भेदभाव न हो।" राम मंदिर के खिलाफ सिर उठाने वाले के सिर होंगे कलम शाह से मिलने पर वाघेला ने राहुल गाँधी को दी सफाई