केरल के राज्‍यपाल ने CAA पर दिया शानदार बयान, कहा-नागरिकता विशेष रूप से एक केंद्रीय...

भारत की संसद से पास होने के बाद नागरिकता संशोधन एक्‍ट को वापस लेने की मांग वाले एक प्रस्‍ताव को पारित किए जाने पर केरल के राज्‍यपाल आरिफ मोहम्‍मद खान ने कहा कि इस प्रस्‍ताव की कोई कानूनी या संवैधानिक वैधता नहीं है, क्योंकि नागरिकता विशेष रूप से एक केंद्रीय विषय है.इसलिए असल में इस प्रस्‍ताव का कोई मतलब नहीं है. इससे पहले गृह मंत्रालय ने साफ कर दिया है कि कोई भी राज्‍य इस कानून को लागू करने से मना नहीं कर सकता है.राज्‍यों को हर हाल में नागरिकता संशोधन कानून को लागू करना ही पड़ेगा.

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आपकी जानकारी के लिए बता दे कि केरल विधानसभा में नागरिकता संशोधन एक्‍ट को वापस लेने की मांग वाले एक प्रस्‍ताव को पारित किया है. माकपा नीत सत्तारूढ़ वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) और कांग्रेस नीत विपक्षी संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चा (यूडीएफ) ने केरल विधानसभा में सीएए के खिलाफ प्रस्ताव का समर्थन किया. सिर्फ भाजपा सदस्य इसका विरोध करते नजर आए. पिनराई विजयन ने विधानसभा में कहा कि मैं यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि केरल में कोई भी डिटेंशन सेंटर नहीं बनेगा. बता दें कि पिनराई विजयन ने कहा है कि वह नागरिकता संशोधन कानून को केरल में लागू नहीं होने देंगे.

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इसके अलावा उन्होने आगे कहा कि नागरिकता संशोधन कानून पर विरोध बेवजह है. इस कानून को लेकर सोशल मीडिया पर काफी भ्रम फैलाया जा रहा है. इस कानून से भारत के किसी भी धर्म के शख्‍स की नागरिकता नहीं छीनी जाएगी. ये कानून सिर्फ पाकिस्‍तान, बांग्‍लादेश और अफगानिस्‍तान में रहने वाले हिंदू, सिख, बौद्ध, पारसी, जैन और ईसाई धर्म के शोषित लोगों को भारत की नागरिकता हासिल करने की राह आसान करता है. भारत के मुस्लिमों या किसी भी धर्म और समुदाय के लोगों की नागरिकता को इस कानून से खतरा नहीं है.

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