दुनियाभर में आज लॉलीपॉप दिवस मनाया जा रहा है. वैसे बात की जाए लॉलीपॉप की तो हम सभी ने बचपन में लॉलीपॉप खाई है और हम सभी को लॉलीपॉप पसंद भी आई है. ऐसे में हर साल 20 जुलाई को लॉलीपॉप दिवस मनाया जाता है. आज हम आपको बताएंगे कि आखिर क्यों मनाया जाता है लॉलीपॉप दिवस. दरअसल लॉलीपॉप का आविष्कार जॉर्ज स्मिथ नाम के एक व्यक्ति ने किया था. उन्होंने सबसे पहली लॉलीपॉप बनाई थी जो साल 1908 में बनाई गई थी. इस लॉलीपॉप को पहले लॉलीपॉप भी नहीं कहा जाता है पहले इसे केवल स्वादिष्ट और जी ललचा देने वाला चिप-चिपा द्रव कहा जाता है. महिला के पेट से निकली हैरान करने वाली चीज़ पहले के समय में जब इसे बनाया गया था तो लोग इसे मिठाई कहते थे जो चिपचिपी होती थी. जॉर्ज स्मिथ ने इसे जब बनाया था तब वह सबसे पहले उन्होंने ही उसे खाकर देखा था कि वह अच्छी है या नहीं. खाने में जब जॉर्ज स्मिथ को वह अच्छी लगी तो उन्होंने उसका नाम सोचा. कई समय बाद साल 1931 में उन्होंने उस चिपचिपे द्रव को लॉलीपॉप कहा और उसी नाम से उन्होंने उसे ट्रेडमार्क बनवाकर अपने नाम करवा लिया. एक मस्जिद जहाँ पढ़ी जाती है गीता और बाइबिल कुछ लोगों का कहना है कि इसे लॉलीपॉप से पहले 'Lolly पॉप' रखा गया था लेकिन फिर वह बदलकर लॉलीपॉप किया गया. लॉलीपॉप बनाने के बाद उसकी एक मशीन भी तैयार कि गई जिसका इतिहास अब तक सामने नहीं आ पाया है. वैसे अब दुनिया में ना जाने कितनी ही तरह की लॉलीपॉप मौजूद है जिसे आप सभी ने खाया भी होगा. यह भी पढ़े... इस उम्र में सेक्स सबसे ज्यादा एन्जॉय करती हैं लड़कियां इस कलर की ब्रा देख लड़के हो जाते हैं उत्तेजित ब जेल जाने के भी लगेंगे पैसे