आज पुरे देश में राष्ट्रीय पर्वतारोहण दिवस मनाया जा रहा है वही आपके मन मे सबसे पहले यह सवाल उठता होगा की आखिर क्यो राष्ट्रीय पर्वतारोहण दिवस मनाया जाता है? तो चलो इसके बारे मे जानते हे। इस दिन को मनाने के पीछे दो दोस्तों की बात है। इन दो दोस्तों का नाम बॉबी मैथ्यू तथा जोश मैडिगन था। ये दोनों अमेरीकन नागरिक थे। क्योकि सबसे पूर्व इन दोनों ने ही अमेरिका के न्यूयॉर्क प्रदेश मे एडिरोंडैक पर्वत नामक पहाड़ की 46 ऊंची चोटियों पर सफलतापूर्ण तरीके से चढ़ गए थे। वही इन दो व्यक्तियों ने 1 अगस्त 2015 को आखिरी 46 वें शिखर पर चढ़ाई की तथा मई 2016 में औपचारिक तौर पर एडिरोंडैक 46 क्लब क्लब में सम्मिलित हो गए । इसीलिए 1 अगस्त का दिन राष्ट्रीय पर्वतारोहण दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह दोनों अक्सर बोला करते थे कि, हर किसी को अपनी जिंदगी में कम-से-कम एक बार तो पहाड़ पर चढ़ना ही चाहिए। क्योकि जब हम पहाड़ की चरमसीमा पर पहुंचते है तब हमे बेहतरीन अनुभव होता है। इसके साथ ही पहाड़ की चढ़ाई से आप के शरीर का प्रत्येक भाग काम मे आता है। जैसे चढ़ाई की पकड़ को पकड़ने के लिए आपको अपनी उंगलियों तथा अग्रभागों का इस्तेमाल करना पड़ेगा। आरभिंक लोग सामान्य रूप से अपने मार्ग को पकड़ कर तय करते है। कोई भी शख्स को पहाड़ चढ़ने से पूर्व अपने रास्ते की कल्पना करना बेहद आवश्यक होता है। मगर यदि आप पहाड़ पर चढ़ना चाहते हो तो आपको यह सवाल अवश्य मनमे आया होगा की आखिर क्या पहाड़ पर चढ़ने के लिए शारीरिक मजबूत होना आवश्यक है? तथा यह भी बताया जाता है कि, पर्वतारोहण अधिकांश लड़कों द्वारा ही किया जाता है। परंतु यह गलत है। ध्यान रखना की एक प्रभावी पर्वतारोही वह है जो ज्यादातर चढ़ाई, तकनीक, संतुलन तथा पैर की ताकत को समझना जानता है। Happy Friendship Day: राशि के अनुसार जानिए किनसे हो सकती है आपकी गहरी मित्रता पेट्रोल-डीजल की कीमतें जानकर चमक जाएंगी आँखे, जानिए आज का भाव जब सुरवीन चावला को ऑफिस से निकलना पड़ा था बाहर, वजह जानकर रह जाएंगे हैरान