भोपाल: मध्य प्रदेश में शिवराज की सरकार वापस आ गए है. प्रदेश में इतिहास खुद को दोहरा रहा है. करीब 52 वर्ष पहले द्वारिका प्रसाद मिश्र की कांग्रेसी सरकार गिराने के बाद राजमाता विजयाराजे सिंधिया ने गोविंद नारायण सिंह की सरकार में जिस तरह अपना असर कायम किया, अब शिवराज सरकार में वही असर राजामाता के पौत्र व पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया का दिखने लगा है. शुरुआत ही सिंधिया के पसंदीदा अफसर की तैनाती से हुई है और यह संकेत हैं कि उनके इलाकों में उनकी मर्जी के ही अफसर तैनात हो रहे है. कमलनाथ की सिंधिया से तकरार बढ़ने के बाद उनके चहेते अफसर ग्वालियर नगर निगम के आयुक्त संदीप माकिन को हटा दिया गया था. शिवराज सरकार ने संदीप को फिर ग्वालियर में ही तैनाती दे दी है. इसके अलावा सिंधिया के खिलाफ चल रही आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (ईओडब्ल्यू) जांच का नेतृत्व करने वाले प्रभारी डीजी सुशोभन बनर्जी को भी हटाकर साइड लाइन करते हुए सागर भेज दिया गया है. जानकारी के लिए बता दें की कमल नाथ सरकार ने सत्ता का संग्राम शुरू होते ही ग्वालियर और गुना के कलेक्टर को भी हटा दिया था. कोरोना संकट के चलते अभी कुछ निर्णय होने बाकी हैं. इन जिलों में भी सिंधिया की मर्जी से ही तैनाती होनी है. यही कारण है कि हाशिए पर चल रहे अफसर अब सिंधिया के करीबियों से संपर्क साधकर अपनी पसंदीदा जगह पाने के जुगाड़ में एक्टिव हो गए हैं. इंदौर: मरीज के परिजन को किया गया हॉस्टल में शिफ्ट, नहीं मिली पाई कोई सुविधा जबलपुर में कोरोना मरीज की संख्या बढ़ी, पाए गए दो और पॉजिटिव भोपाल में एक और कोरोना पॉजिटिव मिला, संख्या बढ़कर 29 हुई