26 जनवरी 1950 के दिन प्रथम राष्ट्रपति डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद ने शपथ ग्रहण की थी. पद पर आसिन होने के बाद उनका कार्यकाल 26 जनवरी, 1950 से 13 मई, 1962 तक रहा है. वे दो बार राष्ट्रपति रहे. राष्ट्रपति पद की शपथ लेने के उपरांत 26 जनवरी 1950 के दिन वे प्रिंस एडवर्ड प्लेस (अब राष्ट्रपति भवन) से इर्विन स्टेडियम (अब नेशनल स्टेडियम) के लिए दोपहर 230 बजे से राजकीय बग्घी में बैठकर निकले थे. Panga Box Office : कंगना रनौत की फ़िल्म पहले दिन नहीं ले पायी पन्गा आपकी जानकारी के लिए बता दे कि उनका राजकीय काफिला राष्ट्रपति भवन से निकलकर बारास्ता संसद भवन से होकर पार्लियामेंट स्ट्रीट, आउटर कनॉट सर्किस, बाराखंभा रोड, भगवान दास रोड, हार्डिंग एवेन्यू से होते हुए करीब 345 बजे इर्विन स्टेडियम पहुंचा था. तब राष्ट्रपति के स्टेडियम में पहुंचने पर रक्षामंत्री बलदेव सिंह ने उनकी अगवानी की और तीनों सेनाओं के प्रमुखों से परिचय करवाया. फिर राष्ट्रपति ने स्टेडियम में तिरंगा फहराया, जिसके बाद वहां मौजूद सशस्त्र सेना के बैंड समूहों ने नौसेना के ड्रम मेजर बर सिंह के नेतृत्व में राष्ट्रगान की धुन बजाई थी. इन सभी बैंड समूहों के लिए संगीत का संयोजन नौसेना के संगीत निदेशक लेफ्टिनेंट एसई हिल ने किया था. उसके बाद, राष्ट्रपति को तोप के 31 गोले दागकर सलामी दी गई. केजरीवाल ने अमित शाह पर कसा तंज, ट्वीट कर कही यह बात... जीप पर चढ़कर राष्ट्रपति ने परेड का निरीक्षण किया और फिर सलामी स्थल की ओर लौट गए. इस परेड में तीनों सेनाओं और पुलिस के करीब तीन हजार अफसरों और जवानों ने भाग लिया था. इस समारोह की मुख्य परेड के कमांडर ब्रिगेडियर जेएस ढिल्लन थे. जबकि सुनहले बैज के साथ नीली वर्दी पहने नौसेना के 120 सैनिकों की टुकड़ी का नेतृत्व लेफ्टिनेंट कमांडर इंदर सिंह ने किया था. थल सेना के जवानों ने हरे जैतून रंग की वर्दी और सिर पर टोपी पहनी थी. जबकि विभिन्न इकाइयों के सैनिकों ने अपनी-अपनी रेजिमेंटों के अनुरूप रंगों वाली पोशाकें पहनी थीं. जबकि वायुसेना के दो दस्तों में 240 वायुसैनिक थे, जिनकी कमान स्काड्रन लीडर वीएम राधाकृष्णन और स्काड्रन लीडर जेएफ शुक्ला के हाथ में थी. इसके अलावा, दूसरी पंजाब बॉयज बटालियन की भी एक कंपनी थी. प्रशांत किशोर ने सुशील मोदी पर साधा निशाना, वीडियो शेयर कर कही ये बात भारत सरकार से नेपाल का आग्रह, पाम ऑयल के इम्पोर्ट पर लगी रोक हटाएं लंदन में छुरेबाजी का मामला, मारे गए तीनों लोग निकले भारतीय नागरिक