Delhi Violence पर आया OIC का बयान

दिल्ली में हिंसा पर ओआईसी (आर्गेनाइजेशन ऑफ इस्‍लामिक कोऑपरेशन) के बयान पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्‍ता रवीश कुमार ने कहा है कि यह राजनीतिकरण की कोशिश की गयी है। इसके अलावा ऐसे मामलों में ऐसे बयान से बचना चाहिए।' ओआईसी का बयान तथ्यात्मक रूप से गलत, चयनात्मक और भ्रामक है। सामान्य स्थिति बहाल करने और आत्मविश्वास पैदा करने के लिए जमीन पर प्रयास किया जा रहा है। हम इन संस्‍थाओं से गैर जिम्मेदार बयानों से बचने का आग्रह करते हैं। इसके साथ ही उन्‍होंने कहा कि इसके कारण, ऐसा क्यों हुआ, निश्चित रूप से, यह जांच का विषय है। यहां ध्यान देना महत्वपूर्ण है कि कानून और प्रवर्तन एजेंसियां जमीनी स्‍तर पर काम कर रही हैं। वहीं वे स्थिति को सामान्य स्थिति में लाने के लिए काम कर रहे हैं। इसके साथ ही उन्‍होंने कहा कि खुद पीएम ने सार्वजनिक रूप से शांति और भाईचारे की अपील की है। मैं कुछ बयानों का भी उल्लेख करना चाहूंगा जो एजेंसियों / व्यक्तियों द्वारा सामने आए हैं। वुहान, चीन और जापान से 195 भारतीयों और 41 विदेशी नागरिकों को निकाला गया 

रवीश कुमार ने कहा कि हमने वुहान, चीन और जापान से 195 भारतीयों और 41 विदेशी नागरिकों को निकाला और उन्हें आज सुबह दो विशेष उड़ान में भारत लाया गया। वहीं अब तक कुल 842 भारतीयों और 48 विदेशी नागरिकों को चीन और जापान से निकाला गया है। इसके साथ ही  रोहिंग्या मुद्दे पर दोनों राष्‍ट्राध्‍यक्षों के बीच हुई बातचीत उन्‍होंने कहा कि रोहिंग्या मुद्दे पर म्यांमार के राष्ट्रपति यू विन मिंट और पीएम मोदी ने भारत की पूर्व यात्रा के दौरान चर्चा की थी। अगर हस्ताक्षर किए गए एमओयू की संख्या को देखें तो कम से कम 4-5 एमओयू हैं जो वास्तव में राखीन राज्य के सामाजिक-आर्थिक विकास से संबंधित हैं। इसलिए इस बात पर चर्चा हुई कि भारत म्यांमार के उस क्षेत्र के सामाजिक-आर्थिक विकास का समर्थन किस प्रकार कर सकता है?

यूएससीआईआरएफ के बयान पर भी विदेश मंत्रालय ने दिया था जवाब  ज्ञात हो कि इससे पहले अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता मामलों संबंधी अमेरिकी आयोग (यूएससीआईआरएफ) ने दिल्ली हिंसा पर बुधवार को बयान दिया था। इसके साथ ही उन्होंने चिंता जाहिर करते हुए भारत सरकार से अपने नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए जल्द से जल्द कार्रवाई करने की अपील की थी। वहीं भारतीय विदेश मंत्रालय ने अपने जवाब में कहा कि मीडिया वर्ग और कुछ व्यक्तियों पर की गई टिप्पणियां तथ्यात्मक रूप से गलत और भ्रामक हैं। इसके साथ ही इस मुद्दे का राजनीतिकरण करने का उद्देश्य प्रतीत हो रहा है। इसके साथ ही, नसीहत दी है कि इस तरह की गैर जिम्मेदाराना टिप्पणी ना करें। 

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