भारत की सर्वोच्च अदालत सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल हुई है जिसमें कोर्ट से कैदियों की रिहाई के आदेश पर अमल सुनिश्चित कराने की मांग की गई है. साथ ही कहा गया है कि रिहा किए होने वालों को लॉकडाउन पास के अलावा दिहाड़ी मजदूर मानते हुए उन्हें आर्थिक मदद भी मुहैया कराई जाए. बुधवार को कोर्ट में यह याचिका सेंटर फार अकाउंटबेलिटी एंड सिस्टेमेटिक चेंज (सीएएससी) ने दाखिल की है. भारत : इस लिस्ट में देखें प्रतिदिन कितना विकराल हो रहा कोरोना वायरस आपकी जानकारी के लिए बता दे कि एक अन्य संस्था ने मुख्य न्यायाधीश को ज्ञापन भेजकर कोरोना के चलते असम के डिटेंसन सेंटर में बंद विदेशियों को तत्काल रिहा किए जाने का आदेश मांगा है. यह ज्ञापन जस्टिस एंड लिबर्टी इनीशिएटिव संस्था ने ईमेल के जरिये भेजा है. आज कोरोना पर आयोजित G-20 समिट में हिस्सा लेंगे मोदी, हो सकता है बड़े रहत पैकेज का ऐलान इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने दो दिन पहले जेलों में बंद कैदियों की कोराना संक्रमण से सुरक्षा करने के लिए कई आदेश दिए थे. एक निर्देश सात साल या उससे कम सजा के अपराध में दोषी और ऐसे अपराधों में विचाराधीन कैदियों को उचित समय के लिए पैरोल या अंतरिम जमानत पर रिहा करने के बारे में विचार करने को कहा गया था. कोरोना: इटली में पढ़ रहा इंदौर का छात्र नहीं लौट सका स्वदेश, दिया मार्मिक सन्देश 'तीसरी स्टेज' में पहुंचा कोरोना, चपेट में आया देश का ये शहर भारत में 'कोरोना' को मात देने की क्षमता, लेकिन सिर्फ लॉकडाउन काफी नहीं -WHO