नई दिल्ली: अब मोदी सरकार NRC पूरे देश में लागू करने जा रही है, जिसमें अपना जुड़वाने के लिए आपको आधार-मतदाता परिचय पत्र ही नहीं बल्कि पहचान के लिए गवाह भी मान्य हो सकते हैं। संशोधित नागरिकता अधिनियम और प्रस्तावित नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजंस (NRC) को लेकर देश में कई स्थानों पर विरोध प्रदर्शन हुए। हालांकि सरकार की ओर से कहा गया है कि फिलहाल राष्ट्रीय स्तर पर NRC जैसी कोई औपचारिक पहल अभी शुरू ही नहीं हुई है और ना ही इसकी आधिकारिक ऐलान किया गया है। बताया गया है कि अगर राष्ट्रीय स्तर पर NRC होती है तो उसके लिए 1971 से पहले का पहचान का कागज़ात पेश करना आवश्यक नहीं होगा। यह कटऑफ डेट सिर्फ असम के लिए थी। असम का एनआरसी का मामला बिल्कुल अलग था। वहां अपनाई गई प्रक्रिया असम समझौते और शीर्ष अदालत के दिशा-निर्देशों के तहत थी। पूरे देश में होने वाली एनआरसी की प्रक्रिया उससे अलग सिटीजनशिप (रजिस्ट्रेशनशिप ऑफ सिटीजंस ऐंड इशू ऑफ नैशनल आइडेंटिटी कार्ड्स) रूल्स-2003 के अनुसार होगी। NRC के दौरान अगर कोई शख्स अशिक्षित है और उसके पास कोई पहचान का कोई कागज़ नहीं है तो वह गवाह के माध्यम से भी अपनी पहचान प्रमाणित कर सकेगा। अधिकारी उसे कम्युनिटी वेरिफिकेशन जैसे अन्य किस्म के सबूत के जरिए भी पहचान बताने का अवसर देंगे। इतना ही नहीं बल्कि एनआरसी जब भी पूरे देश में लागू किया जाएगा, धर्म या मजहब के आधार पर यह लागू नहीं होगा। किसी को भी मजहब के आधार पर NRC से बाहर नहीं रखा जाएगा। नागरिकता जन्म की तारीख और स्थान से संबंधित किसी भी डॉक्यूमेंट को जमा करके भी साबित की जा सकती है। यदि आपके पास खुद का यह विवरण नहीं है तो माता-पिता के जन्म का ब्यौरा देकर इसे साबित किया जा सकता है। एक जनवरी से काम नहीं करेंगे आपके पुराने डेबिट और क्रेडिट कार्ड, RBI करने जा रहा ये काम डीजल के दामों में लगातार दूसरे दिन बढ़ोतरी, पेट्रोल की कीमत में मिली राहत फिर चमके सोना-चांदी के दाम, जानिए आज क्या है भाव