दो वर्ष पहले चीन को अपना मित्र बताने वाले यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम (उल्फा-1) ने नार्थ-ईस्ट दौरे जा रहे दलाई लामा को वहां ना जाने की सलाह देते हुए कहा है कि वो इस दौरान बीजिंग के खिलाफ कुछ ना कहे। कहा जा रहा है कि विद्रोही संगठन के टूटे हुए दूसरे धड़े उल्फा-1 का नेता परेश बरूआ चीन में घुस कर छुपा है। सुरक्षाबल का कहना है कि अप्रैल के पहले सप्ताह में दलाई लामा के दौरे में उल्फा-1 की ओर से समस्या खड़ी करने कोशिशें की जाएगी। इस कारण यहां के सभी जिलों को हाई अलर्ट पर रखा गया है। आपको बता दे कि एक खुले खत में उग्रवादी संगठन के चेयरमैन अभिजीत बर्मन जो लंदन में एक फिजिशियन के तौर पर काम कर रहा है उसने तिब्बती धर्मगुरू को खतरे की सुचना देते हुए कहा कि चीन के विरोध के बाद भी उनका यह तवांग दौरा समझदारी भरा कदम नहीं है और यह हमारे लिए बड़ी चिंता की बात है।” अरूणाचल प्रदेश के एक बड़े हिस्सा पर अपना दावा जताते आ रहे चीन ने दलाई लामा के तवांग दौरे के ऐलान पर धमकी दी और कहा कि इससे भारत-चीन के रिश्ते को गहरा प्रभाव पड़ेगा। जानकारी देते हुए एक सुरक्षा कर्मी ने बताया कि उनके पास परेश बरुआ के चीन में छुपे होने की जानकारी है। बरुआ दक्षिणी चीन के यूनान प्रांत के रुइली शहर में रहता है। और परेश बरुआ विदेश में लगातार अपना ठिकाना बदल रहा है। इससे पहले उसने भुटान फिर बांग्लादेश, म्यांमार और अब चीन में अपना नया ठिकाना जमा रखा है। चीनी कंपनी ओप्पो के कर्मचारी ने किया तिरंगे का अपमान, नोएडा में विरोध दक्षिण चीन सागर में आर्टिफिशियल आईलैंड से वाॅर प्लान कर सकता है चीन