नवरात्रि 2018: जानिए नवरात्रि का शुभ मुहूर्त और महत्व

चैत्र नवरात्रि हिन्दुओं के द्वारा मनाया जाने वाले मुख्य त्योहारों में से एक है. भारतीय नववर्ष चैत्र मास के शुक्लपक्ष की प्रतिपदा से शुरू होता है इसलिए इस त्यौहार का महत्व और भी बढ़ जाता है. साल में दो बार आने वाले नवरात्र का वैज्ञानिक कारण है. इस दौरान नौ दिनों तक माता के अलग-अलग रूपों का पूजन होता है. चैत्र नवरात्र मानाने की वैसे तो देश के हर राज्य में अलग-अलग मान्यताएं है लेकिन उसके बाद भी पुरे देश में बढ़ चढ़कर इस त्यौहार को मानाने का रिवाज है.

चैत्र नवरात्रि महत्व: माता शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कुष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी और सिद्धिदात्रि देवी दुर्गा के नौ अलग-अलग रुप हैं. नवरात्रि के पहले दिन घटस्थापना की जाती है. इसके बाद लगातार नौ दिनों तक मां की पूजा व उपवास किया जाता है. दसवें दिन कन्या पूजन के पश्चात उपवास खोला जाता है. आषाढ़ और माघ मास के शुक्ल पक्ष में पड़ने वाले नवरात्रि गुप्त नवरात्रि कहलाते हैं. हालांकि गुप्त नवरात्रि को आमतौर पर नहीं मनाया जाता लेकिन तंत्र साधना करने वालों के लिये गुप्त नवरात्रि बहुत ज्यादा मायने रखते हैं. तांत्रिकों द्वारा इस दौरान देवी मां की साधना की जाती है.

चैत्र नवरात्रि 2018:  शुभ मुहूर्त  18 मार्च (रविवार) - चैत्र शुक्ल प्रतिपदा (एकम) नवरात्र प्रारंभ  26 मार्च (सोमवार) - चैत्र शुक्ल दशमी 

घट स्थापना शुभ मुहूर्त :  इस बार यानि चैत्र नवरात्रि 2018 को घट स्थापना का शुभ मुहूर्त 18 मार्च सुबह 6 बजकर 31 मिनट से लेकर 7 बजकर 46 मिनट तक है.

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