इस व्यस्त जीवन में हर लड़की को खुद के लिए एक अच्छा वर मिलना बहुत मुश्किल का काम होता है, ऐसे में हम आपको बताते है रामायण की एक कहानी जिसमें देवी सीता ने माँ गौरी का पूजन कर भगवान श्री राम के रूप में अपना वर पाया था. सीता ने इस स्तुति का पाठ किया था जिसके बाद मनचाहे वर की उनकी कामना पूरी हो गई. आप इस नवरात्रि के दूसरे दिन यानी 19 मार्च को इस स्तुति का पाठ कर लाभ ले सकते है. इसका पाठ मुख्य रूप से सोमवार और शुक्रवार किया जाना लाभकारी होता है और नवरात्र के शुभ मौके पर यह और भी कारगर साबित होता है. स्तुति:- जय जय गिरिराज किसोरी। जय महेस मुख चंद चकोरी॥ जय गजबदन षडानन माता। जगत जननि दामिनी दुति गाता॥ देवी पूजि पद कमल तुम्हारे। सुर नर मुनि सब होहिं सुखारे॥ मोर मनोरथ जानहु नीकें। बसहु सदा उर पुर सबही के॥ कीन्हेऊं प्रगट न कारन तेहिं। अस कहि चरन गहे बैदेहीं॥ बिनय प्रेम बस भई भवानी। खसी माल मुरति मुसुकानि॥ सादर सियं प्रसादु सर धरेऊ। बोली गौरी हरषु हियं भरेऊ॥ सुनु सिय सत्य असीस हमारी। पूजिहि मन कामना तुम्हारी॥ नारद बचन सदा सूचि साचा। सो बरु मिलिहि जाहिं मनु राचा॥ मनु जाहिं राचेउ मिलिहि सो बरु सहज सुंदर सांवरो। करुना निधान सुजान सीलु सनेहु जानत रावरो॥ एही भांती गौरी असीस सुनी सिय सहित हियं हरषीं अली। तुलसी भवानिहि पूजि पुनि पुनि मुदित मन मंदिर चली॥ चैत्र नवरात्रि 2018 : माँ को प्रसन्न करना है तो पूजा में कभी न करे ये गलतियां नवरात्रि पर दोहराये जाने वाले माँ दुर्गा के मंत्र चैत्र नवरात्री 2018