चंडीगढ़: पंजाब कांग्रेस इकाई के पूर्व अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने एक बार फिर पार्टी हाईकमान यानी गांधी परिवार के लिए नई मुश्किल खड़ी कर दी है। सिद्धू ने पंजाब में पार्टी की शिकस्त के बाद अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी के आदेश पर एक इस्तीफा दिया था। इसके बाद से पंजाब कांग्रेस का कोई प्रमुख चुना नहीं गया है। सिद्धू ने ऐसे में एक बार फिर शक्ति प्रदर्शन करते हुए खुद को दोबारा इस पद पर बिठाने का दबाव गांधी खानदान पर बनाना शुरू कर दिया है। इसी क्रम में सिद्धू ने शनिवार को कपूरथला जिले के सुलतानपुर लोधई में अपने समर्थक 24 नेताओं के साथ एक मीटिंग की। बता दें कि पंजाब में हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को शर्मनाक हार मिली है। पार्टी पहले राज्य में सत्ता संभाल रही थी, किन्तु चुनाव में उसे 117 में से केवल 18 सीटें ही मिली हैं। सिद्धू के साथ बैठक करने वाले नेताओं का कहना है कि कांग्रेस को दोबारा पंजाब में खड़ा करने के लिए सिद्धू ने सभी नेताओं से मुलाकात का सिलसिला शुरू किया है। मीटिंग में शामिल रहे MLA सुखपाल सिंह खैरा ने एक अंग्रेजी अखबार से कहा कि हम पार्टी को दोबारा खड़ा करना चाहते हैं। बता दें कि कांग्रेस के नेता खैरा को विधानसभा में विपक्ष का नेता बनाने का प्रयास कर रहे हैं। वहीं, नेता ये भी मांग कर रहे हैं कि पंजाब में सिद्धू को वापस अध्यक्ष पद दिया जाए। सिद्धू की मीटिंग में शामिल एक पूर्व MLA ने अखबार को बताया कि सिद्धू ने सबके साथ मिलकर चुनाव में मिली शिकस्त और भविष्य पर चर्चा की। साथ ही बैठक में शामिल नेताओं ने खैरा को विपक्ष का नेता और सिद्धू को फिर पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष बनाने की मांग की। खैरा ने भी बयान जारी किया कि हमें पता है कि पार्टी परिवर्तन के जनादेश के साथ भविष्य के फैसले योग्यता और ईमानदारी के आधार पर लेगी। बैठक के बाद सिद्धू ने बयान में कहा कि हम अच्छी सोच और गंभीरता के साथ पंजाब के अधिकार के लिए लड़ेंगे। चुनाव में हार के बाद मायावती का बड़ा फैसला, भंग की बसपा की सभी कार्यकारिणी 'दिल्ली सरकार ने 12 लाख नौकरियां दी..', झूठ बोलकर अपने ही आंकड़ों में फंस गए केजरीवाल ? असदुद्दीन ओवैसी को झटका देकर गुड्डू जमाली ने बसपा में की घर वापसी, मायावती ने दिया बड़ा इनाम