नई दिल्ली: ऑक्सीजन कंसंट्रेटर की कालाबाज़ारी के जुर्म में गिरफ्तार किए गए नवनीत कालरा की जमानत याचिका पर साकेत कोर्ट में सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस ने कहा कि हमने पहले ही जवाब दायर कर दिया है. पुलिस ने कहा कि हम बचाव पक्ष की इस बात का विरोध करना चाहते हैं, जिसमें कहा गया है कि ‘कंसंट्रेटर को लेकर लैब रिपोर्ट के संबंध में जो तर्क दिया गया है, वो सही नहीं है’. दिल्ली पुलिस ने कहा कि उन ऑक्सीजन कंसंट्रेटर महंगे दामों पर बेचा जा रहा था जो किसी काम के नहीं थे. कंसंट्रेटर जर्मन निर्मित नही है और ना ही अच्छी क्वालिटी का है जैसा बताया गया था. पुलिस ने कहा कि कंसंट्रेटर की क्वालिटी आउटपुट रेट 30 फीसद से कम है. इसका दाम 27,999 बताया गया था, किन्तु लोगों को 70 हजार और यहां तक कि लाखों में बेचा जा रहा था. बचाव पक्ष ने दलील दी कि कंसंट्रेटर कोविड सेंटर को डोनेट किए गए हैं. बचाव पक्ष के बयान को गलत बताते हुए पुलिस ने कहा कि कंसंट्रेटर का व्यापार किया गया है. पुलिस ने कहा कि हमने ये कंसंट्रेटर वितरण के लिए जिलाधिकारी को दिए थे, हालांकि जैसे ही हमें पता चला कि ये कंसंट्रेटर नकली हैं, हमारे DCP ने फ़ौरन जिलाधिकारी को वितरण रोकने के लिए लैटर लिखा था. पुलिस ने बचाव पक्ष की इस दलील का जवाब दिया, जिसमें कहा गया कि यदि कंसंट्रेटर नकली थे तो उन्हें कोविड सेंटर्स और पुलिस अधिकारियों को क्यों दिया गया? पुलिस ने कहा कि भारत सरकार की एडवाइजरी कहती है कि यह उपयोगी नहीं है. पुलिस ने एडवाइजरी पढ़ी जिसमें कहा गया है कि कंसंट्रेटर 90 फीसद से ज्यादा होना चाहिए. टीके की किल्लत के बीच चिदंबरम की मांग- वैक्सीन सप्लाई का CAIG ऑडिट कराया जाए रणदीप हुड्डा को लगा बड़ा झटका, यूएन ने ब्रांड एम्बेसडर के पद से हटाया '10 करोड़ डेयरी किसानों को आजीविका कौन देगा ?', PETA के सुझावों पर भड़के 'अमूल' के MD