आज शारदीय नवरात्रि का प्रथम दिन है। घरों में श्रद्धालु माता की चौकी तथा घटस्थापना करेंगे। वैसे तो मां की पूजा अर्चना के लिए किसी खसा वक़्त की जरुरत नहीं होती है, वे अपने श्रद्धालुओं की हर मनोकामना पूरी करती हैं। किन्तु ये नौ दिन मां को खुश करने के लिए बेहद अहम माने गए हैं। इन दिनों जो भी श्रद्धालु पूर्ण श्रद्धा, भक्ति भाव के साथ व्रत तथा पूजा करता है, मां उनसे खुश होकर हर इच्छा को पूर्ण करती हैं। किन्तु इन नौ दिनों में कुछ बातों को ध्यान में रखना भी जरुरी होता है। वहीं कुछ कार्यों को करने से मां दुखी हो सकती हैं, इसलिए ये पता होना चाहिए कि नवरात्रि में क्या करना रहता है सही तथा किन चीजों की होती है मनाही... नवरात्रि के दिनों में ब्रह्म मुहूर्त में उठकर मां की पूजा करनी चाहिए। इससे आप पूर्ण रूप से अपनी मन पूजा में लगा पाते हैं। जिससे आपको वंदना का पूरा फल मिलता है। धार्मिक मान्यता के मुताबिक ब्रह्म मुहूर्त में वंदना करने से मां खुश होती हैं। नवरात्रि में देर तक नहीं सोना चाहिए। नवरात्रि में मां को रोजाना उनकी पसंद का भोग तथा पुष्प अर्पित करने चाहिए। विधि-विधान से पूजन करने के साथ हो सके तो मां दुर्गा के मंत्रो का जाप करना चाहिए। वही इन नौ दिनों में सप्तशती, दुर्गा चालीसा आदि का पाठ करना चाहिए तथा माता की भक्ति में दिन गुजारने चाहिए। ध्यान रहे की सप्तशती का पाठ एकाग्रता के साथ करना चाहिए। पाठ करते वक़्त बीच में उठना नहीं चाहिए न ही किसी से बात करनी चाहिए। यदि आपको किसी काम से उठना है, तो प्रणाम करके ही पाठ को छोड़ कर उठे तथा अगले दिन अथवा कुछ वक़्त पश्चात् पाठ को पूरा करें। साथ ही इस वक़्त मां की चौकी के पास ही बिस्तर लगाकर भूमि पर शयन करना चाहिए। व्रती को कुर्सी अथवा फिर पंलग पर नहीं बैठना चाहिए। नवरात्रि में दिन के वक़्त सोना वर्जित माना गया है। इस कारण चढ़ाया जाता है शनि देव को तेल नवरात्र के नौ दिन अलग-अलग तरह से लगाएं माता रानी को भोग नवरात्री में कैसे करें कलश स्थापना, जानें शुभ मुहूर्त और चौघड़िया