इस समय चैत्र का महीना चल रहा है और इस महीने की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि यानी आज 2 अप्रैल से नवरात्र शुरू हो रहे हैं। आप सभी को बता दें कि आज सूर्य अपने क्रांति वृत पर रेवती नक्षत्र में रहेंगे, जिससे नवरात्रि रेवती नक्षत्र में मनाए जाएंगे। वहीं दूसरी तरफ ज्योतिषियों की मानें इस नक्षत्र में पूजा करने से अराधना धन-धान्य एवं सुख-समृद्धि देनेवाली होगी। आप सभी को बता दें कि नवरात्र में मां दुर्गा की पूजा जीवन में सुख समृद्धि और शांति लाती है। इस दिन पूजा के बाद आरती करने का भी विशेष विधान है। कहा जाता है पूजा के आखिर में क्षमा याचना के साथ दुर्गा जी की आरती करनी चाहिए। अब आज हम आपको बताने जा रहे हैं माँ दुर्गा की आरती। माँ दुर्गा की आरती- जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी । तुमको निशदिन ध्यावत, हरि ब्रह्मा शिवरी ॥ ॐ जय अम्बे गौरी।।॥ मांग सिंदूर विराजत, टीको मृगमद को । उज्ज्वल से दोउ नैना, चंद्रवदन नीको ॥ ॐ जय अम्बे गौरी।।॥ कनक समान कलेवर, रक्ताम्बर राजै । रक्तपुष्प गल माला, कंठन पर साजै ॥ ॐ जय अम्बे गौरी।।॥ केहरि वाहन राजत, खड्ग खप्पर धारी । सुर-नर-मुनिजन सेवत, तिनके दुखहारी ॥ ॐ जय अम्बे गौरी।।॥ कानन कुण्डल शोभित, नासाग्रे मोती । कोटिक चंद्र दिवाकर, सम राजत ज्योती ॥ ॐ जय अम्बे गौरी।।॥ शुंभ-निशुंभ बिदारे, महिषासुर घाती । धूम्र विलोचन नैना, निशदिन मदमाती ॥ ॐ जय अम्बे गौरी।।॥ चण्ड-मुण्ड संहारे, शोणित बीज हरे । मधु-कैटभ दोउ मारे, सुर भयहीन करे ॥ ॐ जय अम्बे गौरी।।॥ ब्रह्माणी, रूद्राणी, तुम कमला रानी । आगम निगम बखानी, तुम शिव पटरानी ॥ ॐ जय अम्बे गौरी।।॥ चौंसठ योगिनी मंगल गावत, नृत्य करत भैरों । बाजत ताल मृदंगा, अरू बाजत डमरू ॥ ॐ जय अम्बे गौरी।।॥ तुम ही जग की माता, तुम ही हो भरता, भक्तन की दुख हरता । सुख संपति करता ॥ ॐ जय अम्बे गौरी।।॥ भुजा चार अति शोभित, खडग खप्पर धारी । मनवांछित फल पावत, सेवत नर नारी ॥ ॐ जय अम्बे गौरी।।॥ कंचन थाल विराजत, अगर कपूर बाती । श्रीमालकेतु में राजत, कोटि रतन ज्योती ॥ ॐ जय अम्बे गौरी।।॥ श्री अंबेजी की आरति, जो कोइ नर गावे । कहत शिवानंद स्वामी, सुख-संपति पावे ॥ ॐ जय अम्बे गौरी।।॥ जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी । नवरात्र का पहला दिन: जरूर सुने मां शैलपुत्री की कथा, पढ़े यह आरती और मंत्र 2 अप्रैल से शुरू होगा रमजान का महीना, जानें सहरी-इफ्तार का वक्त 2 अप्रैल से होगा हिंदू नव वर्ष विक्रम संवत 2079 शुरू, जानिए पंचांग