नवरात्रि में व्रत के दौरान करें इन नियमों का पालन वरना रह जाएगा अधूरा

शारदीय नवरात्रि का आरंभ 26 सितंबर से होने जा रहा है। जी हाँ और नवरात्रि में 9 दिनों तक देवी के अलग-अलग रूपों की पूजा की जाती है। इस बात से तो आप सभी वाकिफ ही होंगे। जी दरअसल कहते हैं नवरात्रि में मां दुर्गा की पूजा अर्चना और व्रत रखने से भक्तों की मनोकामना जल्द पूरी होती है। हालाँकि नवरात्रि के व्रत में कुछ नियम है जिनका पालन करना बेहद जरूरी है। आज हम आपको बताने जा रहे हैं उन नियमों के बारे में जिनका पालन किए बिना नवरात्रि का व्रत अधूरा है।

* कहा जाता है नवरात्रि व्रत रखने वाले को झूठ, छलकट आजि जैसे विचार मन में नहीं लाने चाहिए। हमेशा सत्य बोलना चाहिए। इसके अलावा अपने मन को संयम में रखना चाहिए और अपने इष्ट देव का ध्यान करना चाहिए। 

* शास्त्रों में बताया गया है एक समय भोजन करके व्रत नहीं रखना चाहिए और अगर रख रहे हैं तो आपको फलाहार नहीं करना चाहिए। इसके अलावा अगर किसी की तबीयत सही नहीं है ऐसी स्थिति में व्यक्ति फलाहार कर सकता है।

* व्रत के समय व्यक्ति को लकड़ी के तख्त पर नहीं सोना चाहिए। जी हाँ और इस दौरान ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए। इसके अलावा इस दौरान क्षमा, दया, उदारता एवं उत्साह आदि दिव्य भावों से युक्त रहें तथा क्रोध, लोभ, मोह इत्यादि तामसी भावों को अपने मन में भी न आने दें।

* अगर कोई व्यक्ति शारीरिक रूप से स्वस्थ नहीं है और उसे लग रहा है उसका व्रत भंग हो सकता है तो उसे व्रत नहीं रखना चाहिए। जी हाँ और अगर किसी को जरूरी यात्रा पर जाना है तो ऐसे व्यक्ति को भी व्रत नहीं रखना चाहिए।

* अगर आप सप्तमी, अष्टमी या नवमी तिथि के दिन व्रत खोल रहे हैं तो इस दिन 9 कुंवारी कन्याओं को भोजन जरूर कराएं।

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