छत्तीसगढ़ काफी सालों से नक्सलीयों की चपेट में रहा है. कुछ कुछ समय के अंतराल में सीजी में कोई ना कोई घटना देखने को मिलती रही है. बता दे कि छत्तीसगढ़ के दक्षिण बस्तर के जंगलों में पार्टी फंड के नाम पर नक्सली ग्रामीणों से रंगदारी वसूल रहे हैं. नक्सलियों ने फरमान जारी कर चेतावनी दी है कि अगर गांव में रहना है तो हर महीने 50 रुपये देने होंगे. इससे परेशान ग्रामीण पुलिस से गांव के आसपास फोर्स का कैंप खोलने की मांग कर रहे हैं. बिहार विधानसभा चुनाव : सीएम नीतीश कुमार के नाम पर बवाल, सहयोगी पार्टी की मंशा हुई साफ आपकी जानकारी के लिए बता दे कि कैंप खुलता है तो आसपास के दस किमी के दायरे में नक्सलियों के अवैध उगाही का यह कारोबार बंद हो जाता है. यही वजह है कि नक्सली नए कैंपों का लगातार विरोध कर रहे हैं. कोंटा ब्लॉक के कुछ गांवों से यह सूचना आई है कि जिन आदिवासियों के पास रोजी रोटी का जरिया सिर्फ मेहनत मजदूरी है, उन्हें भी नक्सल पार्टी को हर महीने 50 रुपये देने पड़ते हैं. अगर कोई परिवार किसी महीने रंगदारी नहीं दे पाता तो अगले महीने उसे दोगुनी राशि अदा करनी पड़ती है. ग्रेटर नोएडा में लूट और हत्या से मचा हड़कंप, रहस्यमयी अवस्था में मिला शव प्रशासन और पुलिस के बढ़ते दबाव के चलते नक्सलियों को नए कैडर नहीं मिल रहे हैं. इसलिए अब वे हर घर से एक लड़के या लड़की को अपने दल में शामिल करने के लिए दबाव बना रहे हैं. पुलिस के पास इन बातों की पुख्ता सूचना है. इसलिए पुलिस लगातार अंदरूनी इलाकों में कैंप खोल रही है।नक्सल इलाकों में ठेकेदार, तेंदूपत्ता खरीदार, बस संचालक, हाट बाजार करने वाले व्यापारी आदि सभी को नक्सली रंगदारी देने के लिए बाध्य करते हैं. पुलिस भी यह बात जानती है पर दिक्कत यह है कि जब तक सुरक्षा का इंतजाम न किया जा सके तब तक किसी को परेशान भी नहीं किया जा सकता. इसका एक ही उपाय है कि ऐसे इलाकों तक पुलिस की पहुंच बढ़े. पति ने की दूसरी शादी तो थाने पहुंची पहली पत्नी, पुलिस बोली- तुम भी रख लो दो मर्द, ऐश करो.... JNU Violence case:अध्यक्ष आइशी घोष के खिलाफ मामला दर्ज, जानिए क्या है आरोप भाजपा सांसद ने औवैसी को दी धमकी, कहा-मैं आपको एक क्रेन से उल्टा लटका दूंगा और आपकी दाढ़ी...