रांची : पिछले 24 सालों से झारखंड पुलिस के लिए सिरदर्द बने भाकपा माओवादी के रीजनल कमांडर नकुल यादव ने आखिर गुरुवार को अपने साथी जोनल कमांडर मदन यादव के साथ एडीजी ऑपरेशन आरके मल्लिक के समक्ष डीआईजी कार्यालय परिसर में समर्पण कर दिया. बताया जा रहा है कि पिछले 12 अप्रैल से ही नकुल और मदन के पुलिस व खुफिया अधिकारियों के साथ संपर्क में आ गया था. इसके बाद उसके दस्ते के दस सदस्यों ने गत 26 अप्रैल को लोहरदगा में डीआईजी एबी होमकर एवं एसपी एस कार्तिक के समक्ष समर्पण किया था. नकुल पर 15 और मदन पर पांच लाख का इनाम घोषित था. नकुल यादव पर गुमला, लोहरदगा, लातेहार, पलामू और रांची जिले में कुल 144 मामले दर्ज हैं. उस पर 144 नक्सली कांडों के अभियुक्त और 100 के करीब बच्चों को भी उग्रवादी बनाने का आरोप है. इसके अलावा वर्ष 2011 में धरधरिया में पहाड़ पर श्रृंखला में 195 विस्फोट कराकर 11 पुलिसकर्मियों की हत्या और 60 से अधिक पुलिसकर्मियों को घायल करने का भी नकुल पर आरोप है. नकुल व मदन के समर्पण के बाद पुलिस द्वारा लोहरदगा और गुमला इलाके में की गई छापामारी में पुलिस ने भारी मात्रा में हथियारों का जखीरा बरामद किया है. इसमें पुलिस से लुटे गए हथियार भी शामिल हैं. पुलिस ने नक्सलियों के एक एलएमजी, एक एके 47, एक एसएलआर, 3 इंसास, 6 रायफल, 7 वॉकी टॉकी, 3347 राउंड कारतूस और 32 मैगजीन, 10 बंडल कोडेक्स वायर, 20 थान काला सुती कपड़ा सहित अन्य सामान बरामद किया गया. यह भी देखें झारखंड में एक रुपए में होगी महिलाओं के नाम ज़मीन की रजिस्ट्री गलती से 100 नंबर डॉयल हुआ तो पुलिस इंस्पेक्टर ने कर दिया रेप