मुंबई: कुछ दिन पहले ही शरद पवार ने उद्धव ठाकरे को कमजोर नेता कहा था और उन्हें शिवसेना में बागी नेताओं को पहचानने में नाकाम बताया था। यही नहीं, शरद पवार ने उद्धव के बारे में अपनी आत्मकथा में बाकायदा लंबा-चौड़ा लेख भी लिखा था, मगर अब वह खुद उन्हीं हालातों में घिर गए हैं, तो अब उन पर भी हमला करने से कोई नहीं चूक रहा। अब महाविकास अघाड़ी (MVA) में NCP की साथी कांग्रेस ने भी उनके सियासी कौशल पर सवाल खड़े दिए हैं। पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के दिग्गज नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा कि शायद शरद पवार के पार्टी के संचालन में कुछ गलतियां रही हैं। इसी के कारण पार्टी में इतनी बड़ी फूट हुई है। इतना ही नहीं पृथ्वीराज चव्हाण ने शरद पवार पर पुत्री मोह का भी इल्जाम लगा दिया है। उन्होंने दो टूक कहा कि बेटी को आगे बढ़ाने के लिए शायद उन्होंने कुछ लोगों को हाशिए पर धकेल दिया किया। उनकी यह बात ठीक वैसी है, जो अजित पवार कहते रहे हैं। पृथ्वीराज चव्हाण का ये आरोप इसलिए भी सियासी गलियारों में चर्चा का विषय बना हुआ है, क्योंकि यही आरोप कांग्रेस पर भी लगता है। विरोधी दल कहते हैं कि, सोनिया गांधी ने पुत्र मोह (राहुल गांधी को आगे बढ़ाने के चक्कर) में कई वरिष्ठ नेताओं को नज़रअंदाज़ कर दिया। दरअसल, हमने देखा भी है कि, कांग्रेस में संगठनात्मक सुधार की मांग कर रहे गुलाम नबी आज़ाद, कपिल सिब्बल जैसे नेता पार्टी छोड़ चुके हैं, जिन्होंने अपने जीवन के 40-50 साल कांग्रेस में बिताए थे। आज़ाद ने तो राहुल गांधी को ही जिम्मेदार बताकर पार्टी छोड़ी थी, उन्होंने राहुल को बचकाना और अपरिपक्व बताते हुए कहा था कि, पार्टी के अहम फैसले राहुल के PA और ड्राइवर लेते हैं, जबकि राहुल इन सबपर ध्यान नहीं देते। बहरहाल, अब कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चव्हाण यही पुत्री मोह का आरोप NCP पर लगा रहे हैं। रिपोर्ट के अनुसार, पृथ्वीराज चव्हाण ने आगे कहा कि, 'हो सकता है कि NCP के संचालन में शरद पवार की कुछ गलतियां रही हों। शायद वह बेटी को आगे बढ़ाना चाहते थे, इसलिए उन लोगों को दूर कर दिया। यही कारण है कि मैंने कल कहा था कि यह लड़ाई असली ही दिख रही है। इसमें कोई मिलीभगत नहीं दिखती है। परिवार के भीतर विवाद का असर अब राज्य की सियासत पर दिख रहा है।' भतीजे की बगावत के चलते शरद पवार शायद अब तक के सबसे बड़े सियासी संकट में हैं। बुधवार को दोनों गुटों का शक्ति प्रदर्शन भी हुआ था। इस दौरान 30 से ज्यादा विधायक अजित पवार के पास पहुंचे थे, जबकि 13 विधायक ही शरद पवार की मीटिंग में पहुंचे। साफ है कि वह पार्टी में कमजोर पड़ते दिखे हैं। इस बीच वह दिल्ली में बड़ी मीटिंग कर रहे हैं। दरअसल छगन भुजबल, प्रफुल्ल पटेल, दिलीप वलसे पाटिल जैसे सीनियर नेता भी अजित पवार के साथ हो लिए हैं। ऐसे में शरद पवार इसे महज भतीजे की महत्वाकांक्षा कहकर टालने की स्थिति में नहीं हैं और फूट का पूरा असर पार्टी पर दिख रहा है। यहां तक कि अजित पवार गुट ने चुनाव आयोग में सिंबल और पार्टी पर दावा भी ठोका है। खरगे और राहुल गांधी की मीटिंग में अलग गुट को लेकर क्या बोले पायलट ? गैंगस्टर मुख़्तार अंसारी पर इतना 'मेहरबान' क्यों थी कांग्रेस ? जेल में दिया VVIP ट्रीटमेंट, बेटों के नाम कर दी वक्फ बोर्ड की जमीन 1996 लाजपत नगर ब्लास्ट: लोअर कोर्ट ने 4 आतंकियों को सुनाई थी फांसी, HC ने 2 को कर दिया बरी, अब सुप्रीम कोर्ट ने दिया फैसला