नई दिल्ली: किसान आंदोलन पर केंद्र सरकार के असंवेदनशील रवैया अख्त्यार करने का आरोप लगाते हुए राकांपा प्रमुख शरद पवार ने गुरुवार को कहा है कि यदि किसानों ने प्रदर्शन का शांतिपूर्ण रास्ता छोड़ दिया, तो देश में बड़ा संकट उत्पन्न हो जाएगा और भाजपा सरकार इसके लिए जिम्मेदार होगी. उन्होनें सरकार द्वारा बहुस्तरीय बैरिकैड और कंटीले तार लगाने तथा सड़कों पर कीलें ठोंके जाने को लेकर उसकी निंदा की है. पवार का कहना है कि ऐसा तो ब्रिटिश राज के दौरान भी नहीं हुआ था. पूर्व केंद्रीय कृषि मंत्री ने आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार किसानों के मुद्दे को सुलझाने के प्रति इच्छुक ही नहीं है. पवार ने कहा है कि वे समस्या का हल करना ही नहीं चाहते है. मैं चिंतित हूं कि आज जो किसान शांतिपूर्ण आंदोलन कर रहे हैं, यदि वे दूसरे रास्ते पर जाते हैं, तो यह एक बड़ा संकट बन जाएगा और भाजपा सरकार को इसकी जिम्मेदारी लेनी होगी. उन्होंने 10 विपक्षी पार्टियों के सांसदों को गाजीपुर में प्रदर्शनकारी किसानों से मिलने की अनुमति नहीं देने को लेकर भी केंद्र सरकार की आलोचना की है. उन्होंने कहा है कि विपक्षी सांसद केवल किसानों का हालचाल जानने के लिए शांतिपूर्ण तरीके से वहां गए थे, मगर उन्हें रोक दिया गया. अगर लोकतंत्र में ऐसा होगा तो सरकार को आज या कल इसकी बड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी. बंगाल चुनाव: सोनिया को अब्दुल मन्नान ने लिखा पत्र, लेफ्ट और कांग्रेस गठबंधन पर कही ये बात पाक पर ईरान ने किया हमला, बंधक सैनिकों को रिवोल्यूशनरी गार्ड्स ने करवाया रिहा रामपुर दौरे पर प्रियंका गांधी, ट्रेक्टर परेड में मारे गए किसान के परिवार से करेंगी मुलाकात