सवर्ण आरक्षण को लेकर एनसीपी ने भाजपा को घेरा, कहा- आँखों में धुल झोंकना इनकी खासियत

मुंबई: सर्वोच्च न्यायालय ने गुरुवार को फैसला दिया कि आर्थिक रूप से पिछड़े सवर्ण समुदाय को मिलने वाला 10 फीसद आरक्षण 2019-20 में महाराष्ट्र के पीजी मेडिकल पाठ्यक्रमों में दाखिलों पर प्रभावी नहीं होगा. अदालत के इस आदेश के बाद नेशनल कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) ने आरोप लगाया है कि झूठ बोलकर लोगों की ‘आंखों में धूल झोंकना’ भाजपा की खूबी है.

एनसीपी के प्रदेश प्रमुख जयंत पाटिल ने आश्चर्य जताते हुए कहा है कि सीएम देवेंद्र फडणवीस के इस मुद्दे के प्रत्येक पहलू का विस्तार से अध्ययन करने के बाद भी राज्य सरकार न्यायालय के सामने कैसे विफल हो गई. पाटिल ने मराठी में किए एक ट्वीट में कहा कि, ‘झूठ बोलकर जनता की आंखों में धूल झोंकना भाजपा की खासियत है! यह शीर्ष अदालत द्वारा पहले मराठों और अब चिकित्सा शिक्षा में आर्थिक रूप से पिछड़े सवर्णों के लिए आरक्षणों पर रोक से स्पष्ट होता है. सीएम के प्रत्येक पहलू का विस्तार से अध्ययन करने के बाद भी सरकार कैसे नाकाम रही?'

आपको बता दें कि इससे पहले अदालत ने कहा है कि आर्थिक रूप से पिछड़े सवर्ण समुदाय को मिलने वाला 10 फीसद आरक्षण 2019-20 में महाराष्ट्र के पीजी मेडिकल पाठ्यक्रमों में दाखिलों पर प्रभावी नहीं होगा, क्योंकि इस प्रावधान के प्रभावी होने से पहले ही दाखिला प्रक्रिया आरंभ हो चुकी थी.

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