दिल्ली के नगर निगमों और अन्य एजेंसियों द्वारा प्रदूषण घटाने के लिए लगातार प्रयास किया जा रहा है. वही, अपने कार्यो के लिए बीएस-6 डीजल वाहनों की खरीद पर विचार करने के निर्देश देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कहा, 'हम भविष्य के लिए चिंतित हैं.'जस्टिस अरुण मिश्रा और जस्टिस दीपक गुप्ता की पीठ ने पूर्वी दिल्ली नगर निगम (ईडीएमसी) की याचिका पर सुनवाई के दौरान उक्त टिप्पणी की. केरल के दो चैनलों को मिली बड़ी राहत, प्रसारण पर से रोक हटी आपकी जानकारी के लिए बता दे कि याचिका में ठोस कचरा प्रबंधन कार्यों के लिए 2,000 सीसी या उससे अधिक क्षमता के कई डीजल वाहनों (बीएस-4) के पंजीकरण की अनुमति मांगी गई है.ईडीएमसी की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने पीठ से कहा कि ठोस कचरा प्रबंधन के लिए नागरिक निकाय को जिन वाहनों की जरूरत है वे सिर्फ डीजल वेरिएंट (बीएस-4) में ही उपलब्ध हैं क्योंकि इन वाहनों के लिए जिस क्षमता की आवश्यकता है वो सिर्फ डीजल ईंधन से ही पैदा की जा सकती है. भारतीय Websites में सेंधमारी कर रहे पाक, चीन और फ्रांस के हैकर, सामने आया भयावह आंकड़ा इस मामले को लेकर पीठ ने कहा कि, 'भविष्य में आगे आपको बीएस-6 वाहन खरीदने होंगे. जब बीएस-6 संचालन में आ जाएंगे तो डीजल वाहनों से प्रदूषण घट जाएगा.' तुषार मेहता ने कहा कि सिर्फ आवश्यक सेवाओं के लिए ही इन वाहनों की जरूरत थी. पीठ ने आवश्यक वाहनों की संख्या का चार्ट और उनका विवरण मांगा और मामले की सुनवाई 16 मार्च तक के लिए स्थगित कर दी.पीठ ने पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर कनॉट प्लेस और आनंद विहार में लगाए जाने वाले स्मॉग टावरों के मसले पर भी सुनवाई की. आज वानखेड़े स्टेडियम में भिड़ेंगे लारा और तेंदुलकर, फिर मैदान में गूंजेगा 'सचिन-सचिन' का शोर दिल्ली दंगा: जांच में सहयोग नहीं कर रहा हत्या का आरोपी ताहिर हुसैन, दोनों मोबाइल छुपाए International Women Day : महिलाओ पर है हिंदी सिनेमा के ये दमदार गाने है