हरियाणा की राजनीति में चौधरी देवीलाल, चौधरी बंसी लाल और चौधरी भजनलाल के बाद चौथे लाल बनकर छाए मनोहर लाल अब कूटनीतिक चाल चलने में भी माहिर होते जा रहे हैं. अगर अंतिम समय में कोई बड़ा उलटफेर नहीं हुआ तो मनोहर लाल की राजनीतिक चाल पूरी तरह कामयाब हो जाएगी और उनके चहेते केंद्रीय मंत्री कृष्णपाल गुर्जर प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी संभाल लेंगें. लिफाफे में बंद अध्यक्ष पद का नाम बुधवार को कभी भी सार्वजनिक किया जा सकता है. इस देश ने सुरक्षा पर 100 करोड़ डॉलर का खर्च करने का प्लान बना चीन को किया त्रस्त मीडिया रिपोर्ट के अनुसार फरीदाबाद लोकसभा सीट से सांसद कृष्णपाल गुर्जर का नाम एक सप्ताह पहले ही तय हो चुका था. चौधरी बिरेंद्र सिंह व दुष्यंत चौटाला का दिल्ली दरबार में जाना मनोहर कड़ी का हिस्सा रहा है. हालांकि घोषणा होने से पहले प्रदेश के दिग्गज जाट नेता हरियाणा का अध्यक्ष पद हासिल करने के लिए पूरा जोर लगा रहे हैं. पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को यह समझाया जा रहा है कि जाटों की उपेक्षा करके पार्टी फिर से उस जगह पहुंच जाएगी जब बैसाखी बनना मजबूरी रही थी, मगर इस तर्क को यह कहकर खारिज किया जा रहा है कि इस समय हरियाणा में उप मुख्यमंत्री सहित चार जाट मंत्री हैं. मध्य प्रदेश में शिवराज मंत्रिमंडल का विस्तार एक बार फिर टला आपकी जानकारी के लिए बता दे कि चार जाट मंत्रियों के तर्क को खारिज करने के लिए अध्यक्ष बनने के इच्छुक हरियाणा के जाट नेताओं ने दिल्ली दरबार के सामने यह तर्क दिया है, कि उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला व बिजली मंत्री चौधरी रणजीत सिंह भाजपा के नहीं हैं. भाजपा ने केवल जेपी दलाल व कमलेश ढांढा को ही मंत्री का दायित्व दिया हुआ है. इस तर्क को देखते हुए पार्टी हाइकमान किसी जाट नेता को भी बागडोर सौंप सकता है. सूत्रों का कहना है कि किसी गैर जाट नेता को अध्यक्ष बनाए जाने की स्थिति में जाट नेता को भी हाथों-हाथ या कुछ समय बाद कोई न कोई बड़ा ओहदा दिया जाएगा. भारत और चीन का विवाद बढ़ा, सबक लेने की है जरूरत राहुल गांधी का बड़ा बयान, कहा-दिल्ली में नहीं करने दे रहे टेस्टिंग... माँ हमें जन्म देती है तो, डॉक्टर्स देते है हमें पुनर्जन्म: PM मोदी