एनडीएमसी ने होटल ली मेरीडियन का लाइसेंस किया रद्द

नई दिल्ली : तीन साल से भी ज्यादा समय तक एनडीएमसी और होटल सीजे इंटरनेशनल (होटल ली मेरीडियन) के बीच चला आ रहा विवाद आखिर खत्म हो गया और एनडीएमसी ने सख्त फैसला लेते हुए होटल ली मेरीडियन का लाइसेंस रद करने का निर्णय ले लिया.इस निर्णय की जानकारी मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर दी.

बता दें कि पालिका परिषद की गुरुवार को हुई बैठक में यह कठोर फैसला लिया गया.इस पांच सितारा होटल पर 526 करोड़ रुपये लाइसेंस फीस की देनदारी बकाया है.मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी इस बारे में ट्वीट कर बताया. एनडीएमसी अधिकारी के अनुसार चेयरमैन नरेश कुमार ने बैठक में लाइसेंस रद्द करने संबंधी प्रस्ताव पेश किया था, जिसे सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया.उपाध्यक्ष करण सिंह तंवर ने बताया कि होटल ने कई सालों से लाइसेंस फीस, सर्विस टैक्स जमा नहीं किया. जनवरी 2017 तक 526 करोड़ की देनदारी है. जिसमें अकेले लाइसेंस फीस 263 करोड़ एवं इस पर ब्याज 250 करोड़ से भी ज्यादा है.

प्राप्त जानकारी के अनुसार 14 जुलाई 1982 को 99 साल के लिए होटल लीज पर दिया गया था. प्रावधानों के तहत एनडीएमसी ने 16 अप्रैल 2014 को लाइसेंस फीस में संशोधन किया था. जिसके बाद 550 करोड़ से भी ज्यादा की देनदारी होटल पर निकली. हालांकि होटल प्रबंधन ने 150 करोड़ में सेटल करने की बात कहते हुए कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. हालांकि एनडीएमसी ने कहा था कि इस तरह का कोई सेटलमेंट हुआ ही नहीं था.होटल ली मेरीडियन की देनदारी और सेटलमेंट का विवाद काफी पुराना है. 

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