भारत की सरकारी विमान सेवा कंपनी एयर इंडिया की एयर होस्टेस नेहा को संदेश मिलता है कि कल एक विशेष फ्लाइट 1,123 से इटली के नागरिकों को लेकर रोम जाना है. वापसी में भारतीयों को लेकर आना है. नेहा सोच में पड़ जाती हैं. उन्हें पता चलता है कि बहुत सारे उनके साथियों ने रोम जाने से मना कर दिया है. कारण कोराना का डर. इसी बीच परिवार के सदस्य भी समझाते हैं, मगर नेहा तय करती हैं अगर ऐसे में सभी डर जाएंगे तो कोरोना जीत जाएगा. तय किया कि वह रोम जाकर वहां फंसे 263 भारतीयों को लाएंगी. गुजरात : राज्य में संक्रमण का आंकड़ा 38 तक पहुंच, इतने लोग हुए होम क्‍वॉरोन्‍टाइन आपकी जानकारी के लिए बता दे कि 22 मार्च को इटली से भारतीयों को सकुशल दिल्ली लेकर वापस लौटीं एयर इंडिया की एयर होस्टेस नेहा और सुनीता ने खुद को आइसोलेट कर लिया है. दोनों नहीं चाहतीं कि उनकी वजह से किसी को कोई खतरा हो. सात दिनों में कोरोना का कोई असर नहीं दिखा तो घर लौट जाएंगी. अगर कुछ लक्षण दिखे तो फिर स्वास्थ्य विभाग को सूचित कर देंगी. कोरोना का बढ़ा खौफ मिड डे मील से घरों तक राशन पहुंचना हुआ मुश्किल इस मामले को लेकर दिल्ली में अपनी दोस्त और सहकर्मी सुनीता के साथ क्वारंटाइन में रह रही एयर होस्टेस नेहा ने बताया कि 21 मार्च को उनकी ड्यूटी इटली के रोम जाने वाली फ्लाइट में लगी. दिल्ली से इटली के नागरिकों को लेकर जाना था और वहां फंसे भारतीयों को वापस लाना था. चूंकि इटली इन दिनों कोरोना का सेंटर प्वाइंट बना हुआ है, इसलिए ज्यादातर क्रू के सदस्य जाने को तैयार नहीं थे. उन्हें भी सुनते ही डर लगा पर फिर सोचा कि अगर सब डर जाएंगे तो कोरोना जीत जाएगा. सामने आया 'कोरोना' का सबसे बड़ा तोड़, वैज्ञानीक भी रह गए हैरान सुकमा में इस वजह से हुई थी जवानों की हानि भोपाल के बाद अब इंदौर में भी लागू हुआ कर्फ्यू, मध्य प्रदेश में कोरोना के 6 मामले दर्ज