इंदौर: मध्य प्रदेश के इंदौर को अपनी सेवा भावना और आगे बढ़कर मदद करने के लिए देशभर में पहचान जाता है. लेकिन मंगलवार को ऐसा दृश्य भी देखा जो इंसानियत को शर्मसार करने वाला था. दो दिन से अस्पताल-अस्पताल भटकता मरीज, गंभीर हालत की दुहाई देकर इलाज के लिए भर्ती करने की गुहार लगाते स्वजन और एंबुलेंस नहीं मिलने पर दो पहिया वाहन से एमवाय अस्पताल ले जाते परिवारजन. लेकिन अस्पताल पहुंचने के पहले ही मरीज की सांसों के साथ व्यवस्था ने भी दम तोड़ दिया. वही पर इंसानियत की भी मौत हो गई. आपको जानकारी के लिए बता दें की दो दिन पूर्व भी प्रसव पीड़ा से करहाती अपनी गर्भवती पत्नी को लेकर पहले एमवायएच और फिर निजी अस्पताल के चक्कर लगाता युवक भी इसी क्रूर व्यवस्था का शिकार हुआ था. उसकी पत्नी और अजन्मे बच्चे की मौत हो गई थी. उससे सबक लेने के बजाय फिर वही लापरवाही दोहराई गई. कोरोना से जंग लड़ रहे इंदौर को व्यवस्था से भी बड़ी लड़ाई लड़ना पड़ रही है. कोरोना के कहर से हर कोई लड़ रहा है. ऐसे में कमला नेहरू कॉलोनी निवासी पांडुराव चांदने (55) की तबीयत कुछ दिनों से खराब थी. मंगलवार सुबह हालत गंभीर हुई तो स्वजन क्लॉथ मार्केट अस्पताल ले गए, लेकिन इलाज नहीं मिला. कर्मचारियों ने कह दिया कि हालत खराब है, एमवायएच ले जाओ. स्वजन ने एंबुलेंस मांगी, लेकिन अस्पताल प्रबंधन ने मना कर दिया. आखिर वे दोपहिया से ही मरीज को गंभीर हालत में लेकर एमवायएच रवाना हो गए. वे वहां पहुंचते इसके पहले ही रास्ते में मरीज की मौत हो गई. परिवार वालों ने संदिग्ध मौत की खबर सीएमएचओ को दी लेकिन जब कोई कार्रवाई नहीं हुई तो अंतिम संस्कार कर दिया. भाई दिलीप ने बताया कि उन्हें सांस लेने में दिक्कत हो रही थी. सोमवार को उन्हें अरबिंदो अस्पताल लेकर गए थे, लेकिन वहां इलाज नहीं मिला. डॉक्टरों ने कहा एमवायएच ले जाओ. एमवायएच पहुंचे तो भाई की जांच करने के बाद डॉक्टर ने दवा लिखी और कहा तबीयत ठीक हो जाएगी. जब रिपोर्ट आ जाए तो अस्पताल आ जाना. लॉकडाउन : 3 मई तक नहीं कर पाएंगे इस भव्य मंदिर के दर्शन बांग्लादेश में कोरोना का कहर, एक ही दिन में सामने आए 209 नए मामले शर्मनाक: एम्बुलेंस नहीं मिली तो बाइक पर पहुंचे MY अस्पताल, लेकिन वहां भी नहीं मिला उपचार