नई दिल्ली: इन दिनों अपने सभी पड़ोसी देश भारत के लिए सिरदर्द बने हुए हैं. चीन के साथ लगातार गतिरोध की स्थिति तो बनी हुई है ही. बीच-बीच में पाकिस्तान और नेपाल भी भारत की परेशानी बढ़ा रहे हैं. अब नेपाल ने ऐसी हरकत की है जो विवाद का रूप लेता हुआ नज़र आ रहा है. भारत और नेपाल के बीच बीते कुछ महीनों से लिपुलेख, कालापानी और लिम्पियाधुरा को लेकर घमासान मचा हुआ है. नेपाल के पास लिपुलेख ऐसा क्षेत्र है, जहां भारत, नेपाल और चीन की सरहदें मिलती हैं. इसे ट्राइजंक्शन कहते हैं. अब नेपाल ने इसी इलाके में आर्मी की पूरी बटालियन तैनात कर दी है. इस बटालियन को आदेश दिया गया है कि यह लिपुलेख में इंडियन आर्मी की होने वाली सारी गतिविधियों पर निगाह रखे. नेपाल के पीएम केपी शर्मा ओली की सरकार के गृह मंत्रालय ने सेना को एक आदेश दिया था. इसमें कहा गया था कि भारत और चीन के बीच जारी टकराव को देखते हुए लिपुलेख सीमा की सख्त निगरानी बेहद आवश्यक है. इसके बाद नेपाल आर्म्ड पुलिस फोर्स (NPF) की 44वीं बटालियन यहां तैनात की गई. बता दें कि लिपुलेख में केवल नेपाल के ही नहीं, बल्कि चीन के भी 150 लाइट कम्बाइंड आर्म्स ब्रिगेड के जवान तैनात हैं. चीन ने गत माह ही इन जवानों को यहां तैनात किया था. लिपुलेख से लगभग 10 किलोमीटर की दूरी पर पाला नाम का क्षेत्र है, यहां भी चीन के सैनिक तैनात हैं. भारत ने लिपुलेख में 17 हजार फीट पर शानदार सड़क बनाई है. सड़क बनाते वक़्त नेपाल ने कोई आपत्ति नहीं जताई थी. किन्तु, इसके बाद भारत और नेपाल के बीच इसी मुद्दे पर बयानबाजी और तनाव आरंभ हो गया है. इसमें चीन नेपाल का साथ दे रहा है. सोने-चांदी की वायदा कीमत में हुई बढ़ोतरी, जानिए क्या हैं नया रेट डीजल की कीमत में आई कमी, जानें पेट्रोल का दाम पीएम केयर्स फंड में पहले पांच दिन में जमा हुए 3,076 करोड़, मार्च के बाद होगा बाकी हिसाब