आज का दिन नेपाल वालों के लिए ख़ास है, क्योंकि दशकों की अशांति और लंबे समय से चली आ रही राजनीतिक अस्थिरता से आज मुक्ति का दिन है, क्योंकि नेपाल में नए संविधान के आने के बाद से पहला आम चुनाव है. उम्मीद की जा रही है कि इस ऐतिहासिक चुनाव के बाद नेपाल लोकतंत्र की मजबूती की दिशा में आगे बढ़ेगा. उल्लेखनीय है कि नेपाल में प्रदेश सभा यानी राज्य और प्रतिनिधि सभा यानी संसद दोनों की 165-165 सीटों के लिए एक साथ चुनाव हो रहे हैं. दूसरे चरण के लिए 7 दिसंबर को मतदान होगा. वर्ष 2006 में नेपाल में राजशाही की जगह लोकतंत्र ने ले ली थी. लेकिन नेपाल में लोकतांत्रिक तरीके से संविधान का निर्माण होने में करीब एक दशक का वक्त लग गया. 2015 में नया संविधान लाया गया. बता दें कि आज रविवार को हो रहे इस चुनाव में 32 जिलों की 37 लोकसभा सीटों और 74 विधानसभाओं के लिए मतदान किया जा रहा है. अभी तक नेपाल में गठबंधन की सरकारें ही रही हैं. इस कारण किसी ने भी अपना पांच वर्ष का कार्यकाल पूरा नहीं किया. आज मतदान करने वाली नेपाल की जनता तो यह उम्मीद कर रही है कि इस बार तो देश को स्थिर सरकार मिलेगी. यह भी देखें नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री, पुष्पकमल दहल के पुत्र का निधन नेपाल सरकार ने चीनी कम्पनी का अनुबंध रद्द किया