मुंबई: महाराष्ट्र की बारामती विधानसभा सीट पर इस बार एक रोचक मुकाबला देखने को मिल सकता है, जहाँ अब भतीजा बनाम भतीजा की स्थिति बन गई है। अजित पवार, जो 1991 से इस सीट पर लगातार जीतते आ रहे हैं, इस बार एनडीए गठबंधन का हिस्सा बनकर चुनावी मैदान में हैं। उन्होंने पिछले साल अपने चाचा शरद पवार को पीछे छोड़ते हुए एनडीए का दामन थाम लिया था और 40 विधायकों के साथ अपनी पार्टी को मजबूती दी थी। अब शरद पवार के पास जो खेमे है, वह एनसीपी-शरदचंद्र पवार के रूप में पहचान बना चुका है। इस बार अजित पवार की चुनौती युगेंद्र पवार से है, जो शरद पवार के पोते और अजित पवार के बड़े भाई श्रीनिवास के बेटे हैं। इस तरह से यह मुकाबला पारिवारिक रिश्तों के बीच एक नई बुनियाद पर खड़ा हो गया है। शरद पवार ने अपने भतीजे को चुनावी मैदान में उतारकर सीधे तौर पर अजित पवार को चुनौती दी है। अजित पवार ने अपने बेटे पार्थ को चुनाव प्रचार में उतारा है। पार्थ ने प्रचार के दौरान यह दावा किया कि बारामती में पिछले 30 वर्षों में विकास कार्य केवल अजित पवार के प्रयासों के कारण हुए हैं। उनका कहना है कि लोग अब व्यवहारिक दृष्टिकोण से सोच रहे हैं और इस बार चुनावी मुद्दे भावनात्मक नहीं होंगे, बल्कि विकास पर केंद्रित होंगे। पिछले लोकसभा चुनाव में बारामती में तीखी प्रतिस्पर्धा हुई थी, जहाँ अजित पवार ने अपनी पत्नी सुनेत्रा को उम्मीदवार बनाया था, जबकि शरद पवार ने अपनी बेटी सुप्रिया सुले को उतारा था। उस चुनाव में सुनेत्रा को हार का सामना करना पड़ा था, जिसके बाद अजित ने कहा था कि परिवार से अलग होने वाले उम्मीदवारों को लोग साथ नहीं देते। इस बार बारामती सीट पर पारिवारिक समीकरण और चुनावी रणनीतियों के कारण मुकाबला काफी दिलचस्प हो गया है। यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या भतीजों के बीच की यह जंग परिणाम को बदल सकेगी या नहीं। MUDA घोटाले में ED का एक्शन, कर्नाटक में एकसाथ कई जगह रेड बाप-बेटे ने सरेआम की ताबड़तोड़ गोलीबारी, पुलिस ने छुपकर बचाई जान ‘मारो उसे, ये उस समुदाय का है’, स्कूटी टकराने पर लोगों ने किया हमला