खरगोन: मध्य प्रदेश के खरगोन से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है यहाँ पुलिस ने अंधे और सनसनीखेज हत्या का भंडाफोड़ किया है. चाचा ने ही 19 वर्षीय भतीजे को अपनी 18 वर्षीय बेटी के साथ आपत्तिजनक स्थिति में देखने में इस वारदात को अंजाम दिया. पहले बेटी को मारते-मारते घर ले गया तथा इसके बाद रात में छत पर सो रहे भतीजे का कुल्हाड़ी से काटकर का क़त्ल कर दिया. खरगोन जिला मुख्यालय से लगभग 90 किलोमीटर दूर बलवाड़ा थाना क्षेत्र की यह घटना है. 3 महीने पहले 29 मई को अपने ही घर की छत पर सो रहे 18 वर्षीय युवक प्रीतम सिंह सोलंकी की कुल्हाड़ी से कई वार कर निर्मम हत्या कर दी गई. जबकि पास ही में प्रीतम का छोटा भाई एवं मौसी का लड़का सो रहे थे. प्रीतम पर कुल्हाड़ी से एक नहीं, आठ बार गर्दन, पीठ, जबड़े पर गंभीर वार कर विभत्स हत्या की गई थी. पुलिस को खबर प्राप्त होने पर थाना इंचार्ज अनिल बामनिया टीम के साथ घटनास्थल पहुंचे तथा सनसनीखेज हत्या के साक्ष्य जुटाए. मृतक के घर आसपास के लोगों से जब थाना इंचार्ज अनिल बामनिया ने चर्चा की तो पता चला प्रीतम के चाचा 38 वर्षीय कुंवरसिंह पिता गुलाबसिंह ने घटना से पहले प्रीतम और उसकी 18 वर्ष लड़की को आपत्तिजनक स्थिति में देख लिया था. घटना के पश्चात् से मृतक का चाचा कुंवर सिंह पूरे परिवार के साथ मजदूरी करने महाराष्ट्र चला गया था. पुलिस थाना इंचार्ज अनिल बामनिया ने बताया, अपराधी कुंवरसिंह ने जब बेटी को भतीजे के साथ आपत्तिजनक हालत में घर देखा था तो गुस्से पर नियंत्रण नहीं रख सका, क्योंकि पहले भी चचेरी बहन और भाई घर से भाग गए थे और शादी कर ली थी. कुंवरसिंह को डर था कहीं मेरी भी भतीजे के साथ भाग गई तो काफी बदनामी होगी. जब प्रीतम की निर्मम हत्या कुल्हाड़ी से की गई, तो सवाल उठता है कि उसका छोटा भाई अरुण और मौसी का लड़का नींद से क्यों नहीं जागे? थाना इंचार्ज के मुताबिक, प्रीतम के भाई के अन्य स्थान पर संबंध थे, इसलिए वह मौसी के लड़के के साथ रात में घर के पीछे लगी सीढ़ियों से उतरकर चला गया। चांदनी रात होने के कारण कुंवरसिंह ने उन्हें जाते हुए देख लिया और उसे समझ में आ गया कि प्रीतम अकेला है। इससे लाभ उठाकर कुंवरसिंह ने तुरंत कुल्हाड़ी उठाई और सो रहे प्रीतम की गर्दन पर वार कर उसे मौत के घाट उतार दिया। जब पुलिस ने आरोपी की बेटी से पूछताछ की, तो उसने बताया कि घटना की रात पिता कुंवरसिंह कुल्हाड़ी लेकर 10 मिनट के लिए कहीं गए थे। पुलिस ने कुंवरसिंह के घर से हत्या में इस्तेमाल की गई कुल्हाड़ी बरामद की। इसके बाद कुंवरसिंह को थाने बुलाया गया और मनोवैज्ञानिक तरीके से पूछताछ की गई। शुरू में कुंवरसिंह ने पुलिस को गुमराह किया, लेकिन अंत में उसने हत्या की बात स्वीकार कर ली। 1947 के बाद बनी ये फ़िल्में जीत लेगी आपका दिल हुड़दंगियों के आतंक के बाद अपने हक़ के लिए सड़कों पर उतरे हिन्दू वायुसेना में 10वीं, 12वीं पास के लिए निकली नौकरियां, फटाफट कर लें आवेदन