नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने नेता जी सुभाष चंद्र बोस की मृत्यु की जांच की मांग वाली जनहित याचिका पर सुनवाई करने से इंकार कर दिया। अदालत ने कहा कि यह मामला उनके अधिकार क्षेत्र में नहीं आता और याचिकाकर्ता को इस मुद्दे को उचित मंच पर उठाना चाहिए। जस्टिस सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट हर समस्या का समाधान नहीं कर सकता। याचिकाकर्ता पिनाक पानी मोहंती ने तर्क दिया कि नेता जी की मृत्यु अब भी एक रहस्य है और 1945 में विमान दुर्घटना में उनकी मृत्यु के दावे पर शक है। उन्होंने इस पर विस्तृत जांच की मांग की थी। याचिका में यह भी कहा गया कि 1970 में खोसला आयोग ने इस मामले में कोई अंतिम निष्कर्ष नहीं दिया था। इसके अलावा, याचिकाकर्ता ने अदालत से यह घोषणा करने की मांग की कि सुभाष चंद्र बोस और उनकी आजाद हिंद फौज ने भारत को स्वतंत्रता दिलाने में अहम भूमिका निभाई। सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता को निर्देश दिया कि वह इस मुद्दे को सरकार या अन्य उचित मंच पर उठाएं। कोर्ट ने पहले भी अप्रैल में याचिका पर विचार करते हुए इसमें किए गए "लापरवाह और गैर-जिम्मेदाराना" आरोपों पर आपत्ति जताई थी और याचिकाकर्ता की मंशा पर सवाल उठाए थे। माना जाता है कि 1945 में सुभाष चंद्र बोस ताइवान में एक विमान दुर्घटना में घायल हो गए थे और उनकी मृत्यु हो गई थी। इस रहस्यमयी घटना की जांच के लिए तीन आयोग बनाए गए थे, लेकिन यह मामला आज भी विवादों और रहस्य के घेरे में है। प्रयागराज महाकुंभ में बनेगा फ्री फायर जोन..! आखिर क्या है ये? पंडित मदन मोहन मालवीय के पोते गिरधर मालवीय का निधन, BHU के थे चांसलर 'पंजाब ने पराली जलाना कम किया, सिर्फ 8000 घटना..', प्रदूषण पर बोलीं सीएम आतिशी