नई दिल्ली: पूरा देश स्वतंत्रता दिवस के मौके पर महान स्वतंत्रता सेनानी नेताजी सुभाष चंद्र बोस के योगदान को याद कर रहा है। इसी बीच जर्मनी में रह रहीं सुभाष चंद्र बोस की पुत्री अनीता बोस फाफ ने भारत सरकार से नेताजी के अवशेषों को भारत लाने की मांग की है। अनीता बोस ने यह भी कहा है कि नेताजी के पूरे जीवन में देश की स्वतंत्रता से अधिक अहम कुछ नहीं था। दरअसल, नेताजी सुभाष चंद्र बोस के देहांत को लेकर दावा किया जाता है कि एक हवाई जहाज दुर्घटना में उनकी जान चली गई थी। इसके बाद जापानी अधिकारियों में से एक ने उनके अवशेषों को इकठ्ठा किया और उन्हें टोक्यो के रेंकोजी मंदिर में संरक्षित किया था। तब से पुजारियों की तीन पीढ़ियों ने अवशेषों की निगरानी की है। इसी क्रम में एक बार फिर जर्मनी में रहने वाली 79 साल की अनीता बोस ने कहा कि वह जापान के टोक्यो स्थित एक मंदिर में संरक्षित नेताजी के अवशेषों के DNA टेस्ट के लिए तैयार हैं। उन्होंने यह भी कहा कि मंदिर के पुजारी और जापानी सरकार को भी DNA टेस्ट से कोई आपत्ति नहीं है और वे अवशेष सौंपने के लिए राजी हैं। अनीता बोस ने अपने बयान में भारत, पाकिस्तान और बांग्लादेश के लोगों से अनुरोध करते हुए कहा कि नेताजी के जीवन में उनके देश की स्वतंत्रता से अधिक महत्वपूर्ण कुछ भी नहीं था। इसलिए अब वह वक़्त आ गया है कि कम से कम उनके अवशेष भारतीय सरजमीं पर लौट सकें। उन्होंने नेताजी की अस्थियों को उनकी मातृभूमि में वापस लाने के लिए लोगों से कोशिश करने की अपील की है। न सोनिया- न राहुल तो फिर कांग्रेस मुख्यालय में किसने फहराया तिरंगा ? स्वतंत्रता दिवस की बधाई और सरकार पर हमला भी.., सोनिया गांधी के सन्देश में दो बातें 'मुफ्त की रेवड़ियों' के समर्थन में उतरी कांग्रेस, सुप्रीम कोर्ट में दिया ये तर्क