नेताजी की जासूसी पर राजनीति गरमाई

नई दिल्ली : भारतीय स्वाधीनता आंदोलन में अपना सब कुछ अर्पण करने वाले एवं आजाद हिन्द फौज के संस्थापक नेताजी सुभाषचंद्र बोस के परिवार की जासूसी के मामले को लेकर राजनीति गरमा गई है। हालांकि खुफिया एजेंसियों का दावा है कि फाइलें सार्वजनिक नहीं हुई है वहीं  कांग्रेस ने जासूसी के आरोपों को खारिज करते हुये अपना पल्ला झाड़ने का प्रयास किया है। कांग्रेस ने कहा कि जासूसी का मुद्दा उठाकर भाजपा जबरन तूल दे रही है।
 
वरिष्ठ कांग्रेस नेता एवं प्रवक्ता मनीष तिवारी का कहना है कि जासूसी करवाना भाजपा की संस्कृति रही है। तिवारी ने कहा कि इस मामले को जबरन तूल देने का औचित्य नहीं है क्योकि इसमें दम नहीं है। गौरतलब है कि हाल ही में देश के प्रथम प्रधानमंत्री द्वारा नेताजी के परिवार की जासूसी कराने संबंधी मामला सामने आया था, इसके बाद राजनीति गरमा गई है।
 
इधर भाजपा का आरोप है कि कांग्रेस के लिये किसी की भी जासूसी कराना नई बात नहीं है। मामले में बोस के परिजनों ने हैरानी जताई है और कहा कि फाइलों को सार्वजनिक किया जाये, इससे सारी बातों का खुलासा हो जायेगा। बताया गया है कि देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू द्वारा 1948 से लेकर 1968 तक नेताजी सुभाषचंद्र बोस के परिवार की जासूसी कराई गई थी।

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