अमेरिका की तर्ज़ पर भारत में भी अब बैड लोन बेचने के लिए ऑनलाइन ट्रेडिंग पोर्टल तैयार होने जा रहा है. अमेरिका में बैड लोन को बेचने के लिए ऑनलाइन ट्रेडिंग पोर्टल का इस्तेमाल होता है जिससे बैंको पर बोझ और दवाब नहीं पड़ता. भारत में RBI भी अब इस ओर हर संभव प्रयास कर रहा था ताकि जल्द से जल्द बैड लोन से भारत को छुटकारा मिल सके. ऑनलाइन पोर्टल तैयार होने पर बैड लोन से जुड़ी प्रॉपर्टी को बेचने में भी पारदर्शिता आएगी और इसके लिए बेहतर कीमत भी अदा हो सकेगी. इस मामले में भारतीय रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर विरल आचार्य ने कहा कि अगर ऑनलाइन पोर्टल तैयार किया जाता है तो इससे पारदर्शिता बढ़ेगी और प्रॉपर्टी की सही और अधिक कीमत मिल सकेगी. बैड लोन को बेचने में भी आसानी होगी और इसके लिए बाज़ार के निर्माण में भी सहायता मिलेगी. आचार्य ने आगे कहा कि बैड लोन्स की वजह से घरेलु बैंकिंग सिस्टम को तगड़ा झटका लगा है. साल 2017 की सितम्बर माह की तिमाही के आंकड़ों पर यदि नज़र डाली जाए तो पता चलता है कि बैंकिंग सिस्टम में बैड लोन में लगभग 10 ख़राब डॉलर की राशि फंसी हुई है. यह रकम बैंकिंग सिस्टम की कुल रकम का 10.2% है. वहीँ RBI ने बैंकों को कहा कि इन मामलों को वे ट्राइब्यूनल के पास भेजें. बजट 2018: अब तक की बड़ी खबरे इन बजटों ने भारतीय अर्थव्यवस्था पर डाला असर क्या बजट में दिखेगी आर्थिक सुधारों की झलक ?