वाशिंगटन: पिछले कई दिनों से लगातार हाहाकार मचा रहा कोरोना वायरस अब थमने का नाम नहीं ले रहा है. हर दिन इस वायरस का प्रकोप बढ़ता ही जा रहा है, जिसके कारण आज मानवीय पहलू तबाही की कगार पर पहुंच चुका है. हर दिन इस वायरस के कारण न जाने ऐसे कितने परिवार है जी मौत का शिकार हो रहे है, वहीं इस वायरस का संक्रमण लोगों की जान का दुश्मन बनता जा रहा है रोजाना इसकी चपेट में आने से लाखों लोग संक्रमित हो रहे है. यदि हम बात करें दुनियाभर में मरने वालों की तो अब तक 2 लाख 28 हजार से अधिक लोगों की मौते हो चुकी है. वैज्ञानिकों को कोरोना वायरस (कोविड-19) की झटपट जांच करने की दिशा में बड़ी सफलता मिली है. उन्होंने एक ऐसा नया किफायती स्वैब टेस्ट ईजाद किया है, जो महज 45 मिनट के अंदर ही इस खतरनाक वायरस के संक्रमण की पहचान कर सकता है. इससे चिकित्सकों को तेजी से बढ़ रहे मामलों की जांच शीघ्रता से करने में मदद मिल सकती है. अमेरिका की कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं के अनुसार, नए टेस्ट को 'सार्स-कोवी-2 डिटेक्टर' नाम दिया गया है. इस टेस्ट को आसानी से आजमाया जा सकता है. इसके लिए किसी विशेष उपकरण की भी जरूरत नहीं पड़ती. यह टेस्ट उसी गुणवत्ता के साथ जांच कर सकती है, जिस स्तर की जांच मौजूदा टेस्ट किट्स के जरिये होती है. इस नए टेस्ट को हालांकि अभी तक क्लीनिकल इस्तेमाल के लिए अमेरिकी फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन से स्वीकृति नहीं मिली है. कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर चा‌र्ल्स चिउ ने कहा, 'क्रिस्पर टेक्नोलॉजी की उपलब्धता से कोरोना संक्रमण की पहचान के लिए नई पीढ़ी की जांचों में तेजी लाने में मदद मिलेगी.' 'सार्स-कोवी-2 डिटेक्टर' ऐसा पहला टेस्ट है, जिसमें कोविड-19 की मौजूदगी का पता लगाने के लिए क्रिस्पर जीन-टार्गेटिंग टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया गया है. इस विधि में किसी भी जेनेटिक सीक्वेंस को साधा जा सकता है. इस तरह के जेनेटिक सीक्वेंस में से एक सीक्वेंस सभी सार्स जैसे कोरोना वायरसों में समान होता है. इस डिटेक्टर टेस्ट में इन्हीं सीक्वेंस पर गौर किया जाता है. दुनिया में भारत बन सकता है बड़ा निर्यातक, सरकार तैयारी में जुटी जिस मेथेनॉल अल्कोहल को कोरोना का इलाज़ समझ पी रहे थे लोग वही बन गया उनकी मौत का कारण कोरोना की चपेट में आने से महिलाओं से ज्यादा पुरुषों की मौत का आंकड़ा