6 साल बाद आज़ाद हुआ शरारती बंगाल टाइगर, अब खुली हवा में ले रहा है सांस

नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के चिड़ियाघर में लगभग छह वर्षों तक पिंजड़े में बंद रहने के बाद 10 वर्षीय बंगाल टाइगर 'बिट्टू' अब अपने बाड़े में चहलकदमी कर सकता है और खुली हवा में सांस ले सकता है। चिड़ियाघर के डायरेक्टर सुनीश बख्शी ने बताया कि, ''क्रिसमस का दिन कोई पहली दफा नहीं था, जब चिड़ियाघर के प्रशासन ने बी2 या बिट्टू को पिंजड़े से आजाद किया था। 

इससे पहले भी उसे दो मर्तबा पिंजड़े से रिहा किया गया था ताकि वह सैर सपाटा कर सके और खुली धूप में घूम सके। किन्तु अपनी ''शरारतों'' की वजह से उसे अपनी ''आजादी'' से इसकी कीमत चुकानी पड़ी।'' बिट्टू तब चार वर्ष का था जब 2014 में पशुओं के आदान-प्रदान कार्यक्रम के अंतर्गत 'बिट्टू' भोपाल के वन विहार राष्ट्रीय उद्यान से दिल्ली लाया गया था। रेंज अधिकारी सौरभ वशिष्ठ ने कहा है कि जब बिट्टू को बाड़े में छोड़ा गया तो वह पेड़ पर जा चढ़ा। उन्होंने बताया, ''इससे सुरक्षा का खतरा हो सकता था।''

वशिष्ठ ने बताया कि, ''कुछ दिन बाद हमने उसे फिर बाड़े में छोड़ा, किन्तु तब उसने पिंजड़े पर चढ़ने का प्रयास किया। खतरे की आशंका के मद्देनज़र हमने उसे फिर से पिंजड़े में डाल दिया।'' बिट्टू को 25 दिसंबर को एक बार फिर बाड़े में छोड़ा गया है। किन्तु इस बार चिड़ियाघर प्रशासन ने बाड़े की ऊंचाई अधिक कर दी है, बाड़े के भीतर मौजूद पेड़ों की शाखाएं काट-छांट दी हैं ताकि वह उन पर चढ़ नहीं सके और चिड़ियाघर घूमने आने वाले लोगों के लिए अवरोधक के स्तर में भी इजाफा कर दिया गया है।

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