भोपाल: मध्य प्रदेश में लंपी स्किन डिसीज (एलएसडी) के पश्चात अफ्रीकन स्वाइन फ्लू की दस्तक भी हो गई है। भोपाल मौजूद उच्च सुरक्षा पशु अनुसंधान प्रयोगशाला (निशाद) में रीवा से भेजे गए 10 नमूनों में शुक्रवार को इसकी पुष्टि हुई है, किन्तु पशु चिकित्सा विभाग के अफसर इस इस बारे में जानकारी नहीं होने की बात कह रहे हैं। राज्य में पहली बार यह बीमारी आई है। इससे संक्रमित सुअरों में अधिकांश की मौत हो जाती हैं। सावधानी के रूप में प्रभावित सुअरों के एक किलोमीटर के दायरे में आने वाले सभी सुअरों को मार दिया जाता है, जिससे बीमारी बढ़ने नहीं पाए। वही इसके पहले उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, केरल, पश्चिम बंगाल तथा पूर्वोत्तर प्रदेशों में इस बीमारी से सुअरों के संक्रमित होने की पुष्टि निशाद मेें जांच के बाद हुई थी। यह बीमारी संक्रमण से फैलती है। इससे प्रभावित सुअरों को बुखार, दस्त,उल्टी, कान और पेट में लाल चकत्ते नजर आते हैंं। बहुत ज्यादा संक्रामक होने के कारण संपर्क में आने वाले दूसरे सुअर बहुत जल्दी इस बीमारी की चपेट में आ जाते हैं, इसलिए एक किमी के दायरे में आने वाले सुअरों को मार दिया जाता है। हालांकि, इस सुअरों से इस बीमारी के मनुष्यों में आने के मामले सामने नहीं आए हैं, किन्तु सावधानी के रूप में सुअर का मांस नहीं खाने और सुअर पालकों को प्रभावित क्षेत्र के एक किलोमीटर से बाहर नहीं जाने की सलाह दी जाती है। वही राज्य में पशुओं में लंपी स्किन डिसीज के मामले भी बढ़ते जा रहे हैं। राज्य के 5 जिले इसकी चपेट में हैं। सबसे पहले रतलाम में इसकी पुष्टि इसी माह हो चुकी है। पशुपालन विभाग के अपर मुख्य सचिव जेएन कंसोटिया ने बताया कि अभी तक राज्य में 165 मामलों की लैब से पुष्टि हो चुकी है। बता दें कि इस रोग से संक्रमित पशुओं में लगभग 10 फीसदी की मौत हो जाती है। मवेशियों के शरीर में गठानें होने के साथ बुखार एवं सर्दी-जुकाम हो जाता है। 'मुबारक हो, मुंबई में होने वाला है 26/11 जैसा हमला', पुलिस को मिली पाकिस्तानी नंबर से धमकी प्राइवेट स्कूल के काम का 'क्रेडिट' खा गई केजरीवाल सरकार ? NYT में छपी तस्वीर से उठा सवाल भारत-नेपाल बॉर्डर पर SSB जवान ने की आत्महत्या