अब सूबे के बड़े मॉल में विदेशी शराब, बीयर और फ्रूट वाइन की बिक्री नहीं हो सकती है । इसके साथ ही आबकारी विभाग ने हिमाचल में एल-10 लाइसेंस बनाने की प्रथा को सदा के लिए बंद करने का फैसला लिया है।इसके अलावा नई आबकारी नीति के मुताबिक अब बड़े मॉल संचालक विदेशी शराब, बीयर और फ्रूट वाइन नहीं बेच पाएंगे। अभी तक डिपार्टमेंटल स्टोर संचालकों को एल-10 लाइसेंस जारी किया जाता था। इसके लिए जनरल स्टोर संचालक के पास 1000 वर्ग फीट एरिया और साल का लगभग दो करोड़ रुपये टर्नओवर होना अनिवार्य था, लेकिन नई आबकारी नीति में बड़े मॉल में विदेशी शराब, बीयर और फ्रूट वाइन के लाइसेंस देने का प्रावधान पूरी तरह बंद करने की योजना है। अगले वित्त वर्ष से राज्य में आयातित शराब की आपूर्ति राज्य में स्थित पब्लिक कस्टम बांउडेड गोदाम से की जाएगी। वहीं आबकारी विभाग शादी-समारोह के लिए अस्थायी तौर में एल-50 ए लाइसेंस पर शराब रखने की अनुमति देता है। इसके साथ ही अभी शराब की डिमांड के अनुसार 600 से 1200 रुपये में एल-50ए लाइसेंस बनता है, जबकि लाइफ टाइम एल-50 लाइसेंस बनाने के लिए 2500 रुपये फीस ली जाती है। दोनों लाइसेंस की फीस में नई आबकारी नीति में बदलाव होने की पूरी संभावना है। इसके साथ ही इन लाइसेंस पर मिलने वाले शराब कोटे में भी बदलाव हो सकता है। परवेज़ मुशर्रफ की याचिका पर सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट, जानिए पूरा मामला ट्रम्प परिवार के स्वागत-सत्कार में खर्च होंगे 200 करोड़ रुपए आखिर कब खुलेगा शाहीन बाग़ का रास्ता ? सुप्रीम कोर्ट में अहम सुनवाई आज