नई दिल्ली : प्रदेश सरकार के बिक्री एवं कर विभाग ने वित्तीय वर्ष 2018-19 में जीएसटी और वैट से 29951.86 करोड़ रुपए जुटाए हैं लेकिन जीएसटी से उम्मीद के मुताबिक राजस्व वसूली नहीं होने के चलते उसे 4182 करोड़ रुपए क्षतिपूर्ति के रूप में मिले हैं। असल में, पिछले वित्त वर्ष की तुलना में जीएसटी वसूली में 15 प्रतिशत की वृद्धि नहीं होने के चलते यह क्षतिपूर्ति प्राप्त हुई है। सोने की कीमतों ने लगाई छलांग, वहीं चांदी की चमक पड़ी फीकी इतना हुआ कुल कलेक्शन जीएसटी कमिश्नर के अनुसार राजस्व वसूली का लक्ष्य 29 हजार करोड़ रुपए तय किया गया था और क्षतिपूर्ति व वैट को मिलाकर इससे ज्यादा राशि सरकार को प्राप्त हुई है। जबकि वित्त वर्ष 2017-18 में 26337.96 करोड़ रुपए की वसूली की गई थी। 29 हजार करोड़ से अधिक की राजस्व वसूली होने से नए फ्लाईओवर परियोजना, अवैध कॉलोनियों में विकास पर होने वाले खर्च के साथ मुख्यमंत्री सड़क योजना को भी बल मिलेगा। पेट्रोल और डीजल की कीमतों में नजर नहीं आया कोई खास बदलाव इतना था राजस्व का लक्ष्य इसी के साथ वित्तीय वर्ष 2018-19 में सरकार 5 बार तय राजस्व लक्ष्य को पूरा करने में विफल हुई है। इसके चलते क्षतिपूर्ति के तौर पर उसे जीएसटी काउंसिल से 4182 करोड़ रुपए प्राप्त हुई है। वित्तीय वर्ष 2018-19 के 12 महीने में बिक्री एवं कर विभाग ने 29951.86 करोड़ रुपए जुटाए हैं। जीएसटी के तहत वित्त वर्ष 2018-19 में प्रत्येक महीने 2072 करोड़ की राजस्व वसूली दिल्ली सरकार की तय की गई थी लेकिन बिक्री एवं कर विभाग ने जनवरी माह में एसजीएसटी से 918 करोड़, आईजीएसटी से 633 करोड़ और वैट से 460 करोड़ रुपए जुटाए हैं। इस साल फरवरी में घटी आठ प्रमुख उद्योगों की उत्पाद वृद्धि दर बाजार खुलते ही सेंसक्स में नजर आया शानदार उछाल सोमवार को भी पेट्रोल और डीजल की कीमतों ने नहीं दी राहत