अहमदाबाद: नवरात्रि में आयोजित होने वाले गरबा समारोहों के लिए अहमदाबाद फायर ब्रिगेड ने फायर सेफ्टी को लेकर दिशा-निर्देश जारी किए हैं। सभी गरबा आयोजकों को इन फायर सेफ्टी नियमों का पालन करना अनिवार्य होगा। नवरात्रि के चलते दमकल विभाग की टीम गरबा स्थलों का औचक निरीक्षण करेगी। किसी भी नियम का उल्लंघन पाए जाने पर कार्यक्रम को तुरंत रोक दिया जाएगा तथा भविष्य में गरबा की अनुमति नहीं दी जाएगी। गरबा आयोजकों के लिए फायर ब्रिगेड द्वारा जारी गाइडलाइन्स: किसी भी मंडप या पंडाल में अस्थायी ढांचा बनाया जाए, जो स्कूल, अस्पताल, या ज्वलनशील पदार्थों के गोदाम से दूर हो। मंडप के पास फायर ब्रिगेड की गाड़ी पहुंचने की व्यवस्था होनी चाहिए। मंडप का निर्माण किसी भट्टी, इलेक्ट्रिक सबस्टेशन, ट्रांसफार्मर, हाई टेंशन लाइन, या रेलवे लाइन से दूर किया जाना चाहिए। दो संरचनाओं के बीच कम से कम 2 मीटर की दूरी होनी चाहिए। किसी भी संरचना के अंदर स्टॉल नहीं लगाया जा सकेगा। स्टेज के नजदीक या नीचे कोई भी ज्वलनशील पदार्थ जमा नहीं किया जा सकता। पंडाल की क्षमता के अनुसार ही लोगों को प्रवेश की अनुमति दी जाएगी। प्रति व्यक्ति कम से कम एक वर्ग मीटर जगह सुनिश्चित करनी होगी। पंडाल में स्थायी पार्टीशन नहीं होगा, ताकि आपातकालीन स्थिति में लोग आसानी से इमरजेंसी गेट तक पहुंच सकें। आयोजकों को रोजाना पंडाल में प्रवेश करने वाले लोगों का रिकॉर्ड रखना होगा। कम से कम दो गेट होने चाहिए, जो एक-दूसरे के विपरीत दिशा में हों। गेट के सामने 5 मीटर की खुली जगह रखना अनिवार्य है। पंडाल के अंदर और बाहर, स्पष्ट रूप से पढ़े जा सकने वाले नो स्मोकिंग ज़ोन, एग्जिट और इमरजेंसी एग्जिट के संकेतक लगाने होंगे। सिटिंग एरिया से बाहर निकलने का रास्ता 15 मीटर से अधिक नहीं होना चाहिए। 10 सीटों के बाद एक 1.5 मीटर चौड़ा रास्ता बनाना होगा। अस्थायी संरचनाओं के स्टेज, पर्दा और कारपेट को फायर रिटार्डेंट पेंट से सुरक्षित किया जाना चाहिए। इलेक्ट्रिक वायरिंग की जांच गवर्नमेंट अप्रूव्ड इलेक्ट्रिक इंजीनियर से करवाई जाए और इंस्टॉलेशन IS1646-1982 मानकों के अनुसार हो। पंडाल की वायरिंग पीवीसी कंडक्टर या टफ रबर वल्केनाइजेशन वाली होनी चाहिए, और सभी जॉइंट्स पार्सलेन इंसुलेटेड कनेक्टर से किए जाने चाहिए। डीजल जनरेटर को स्टेज और पंडाल से दूर रखा जाए। वही इसके अतिरिक्त, पंडाल के अंदर या बाहर किसी भी प्रकार के धूम्रपान पदार्थ या पटाखों का इस्तेमाल नहीं किया जा सकेगा। पंडाल के अंदर किचन या ज्वलनशील पदार्थ नहीं रखे जा सकेंगे। आयोजकों को सेफ्टी से संबंधित मोशन फिल्म दिखाने के लिए स्क्रीन लगानी होगी। माता की प्रतिमा के पास रखे दिए के नीचे रेत रखना अनिवार्य होगा। पंडाल के संचालन के लिए कम से कम एक स्वयंसेवक हमेशा मौजूद रहना चाहिए। पब्लिक एड्रेस सिस्टम के जरिए लोगों को जानकारी दी जाएगी। आग से सुरक्षा के लिए पंडाल में पानी का भंडार फ्लोर एरिया के मुताबिक, प्रति स्क्वायर मीटर 0.75 लीटर से कम नहीं होना चाहिए। मंत्री विक्रमादित्य सिंह को कांग्रेस ने दिल्ली बुलाकर फटकारा, लागू किया था 'योगी' वाला आदेश 'अब्बासी' लड़के ने 'अंसारी' लड़की से किया निकाह, फिर जो हुआ वो रूह कंपा देगा... देहरादून जाकर मस्जिद का मुतवल्ली बन गया यूपी का भगोड़ा खालिद मंसूरी, पुलिस ने दबोचा