क्या बीजेपी मुख्यालय का वास्तु दोष बन रहा पार्टी की राह का काँटा ?

नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी ने 18 फरवरी को अपना मुख्यालय 11 अशोका रोड दिल्ली से 6 - A, पंडित दीन दयाल उपाध्याय मार्ग, दिल्ली पर स्थानांतरित कर दिया था, जिसके बाद से बीजेपी की लोकप्रियता में गिरावट देखी गई है. यहाँ तक की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मोदी लहर भी  कांग्रेस के महागठबंधन के पहाड़ के सामने बौनी दिखाई दे रही है. शायद नया मुख्यालय भाजपा को रास नहीं आ रहा है या फिर बीजेपी ने कार्यालय में प्रवेश करने से पहले वास्तु दोष का निवारण नहीं करवाया है, क्योंकि ये परिवर्तन करने के बाद से ही भाजपा पर विपक्ष के हमले भी तेज़ हो गए हैं.

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इससे पहले जहाँ कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दल बैकफुट पर थे, बीजेपी के नए मुख्यालय में कदम रखते ही जैसे उन्हें बीजेपी पर वार करने के लिए एक के बाद एक मौके मिलने लगे. हालाँकि, उन मौकों को भुनाने में विपक्ष नाकाम रहा, ये उनकी कमज़ोरी है, अविश्वास प्रस्ताव भी उन्ही मौकों में से एक था. इसके बाद भी विपक्ष को कई मुद्दे मिले, जब विपक्ष ने बीजेपी पर जमकर कीचड़ उछाला. फिर चाहे वो उन्नाव में भाजपा एमएलए कुलदीप सिंह सेंगर द्वारा किए गए दुष्कर्म का मामला हो, या मुजफ्फरपुर और देवरिया शेल्टर होम की घिनौनी हक़ीक़त, इन सभी मामलों में विपक्ष ने बीजेपी को जमकर घेरा,  साथ ही बीजेपी के दिग्गज नेता अटलजी ने भी दुनिया को अलविदा कह दिया.

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कर्नाटक में सर्वाधिक सीटें जीतने के बाद भी बीजेपी वहां सत्ता नहीं बना पाई, इसके अलावा कश्मीर भी भाजपा के हाथ से निकल गया. इतने झटके खाने के बाद भी अगर बीजेपी ने अपने मुख्यालय में वास्तु दोष का निवारण और हवन पूजन नहीं करवाया तो आगामी आम चुनावों में भी बीजेपी को बड़ा झटका लग सकता है, एक सर्वेक्षण ने इसके संकेत भी दे दिए हैं, भारतीय लोगों की मनोदशा पर किए गए सर्वेक्षण की रिपोर्ट में कहा गया है कि 2019 चुनावों में भाजपा 80 से 90 सीटें गँवा सकती है, कांग्रेस और अन्य पार्टियों का गठबंधन पीएम मोदी से प्रधानमंत्री की कुर्सी भी छीन सकता है. तो अगर भाजपाई नरेंद्र मोदी को एक बार फिर प्रधानमंत्री बनते देखना चाहते हैं, तो मेरा एक ही मशवरा है, अपने नए कार्यालय में वास्तु दोष की पूजा करवा लें. 

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