क्या आप भी बना रहे हैं नया-घर खरीदने की योजना? तो रखें इन बातों का-ध्यान

सनातन धर्म में वास्तु शास्त्र का अत्यधिक महत्व है, क्योंकि यह जीवन में सुख, समृद्धि, एवं सौभाग्य को आकर्षित करने के साथ-साथ घर में शांति और खुशहाली भी लाता है। वास्तु शास्त्र के मुताबिक, जब हम घर की संरचना और उसमें रहने की व्यवस्था को सही दिशा और मानकों के अनुसार करते हैं, तो यह न केवल व्यक्तिगत जीवन को सकारात्मक रूप से प्रभावित करता है, बल्कि पूरे परिवार की समृद्धि और स्वास्थ्य में भी सुधार लाता है। साथ ही, वंश वृद्धि और परिवार में एकता और सामंजस्य बनाए रखने में मदद प्राप्त होती है। वहीं, अगर वास्तु के नियमों की अनदेखी की जाती है, तो इससे घर के स्वामी पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है तथा जीवन में समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। यह घर में कलह, धन हानि, और परेशानियों को जन्म देता है।

इसलिए, घर खरीदने से लेकर गृह प्रवेश तक, हर कदम पर वास्तु शास्त्र के नियमों का पालन करना बहुत जरूरी है। इसके अतिरिक्त, गृह प्रवेश के बाद भी घर की चीजों को वास्तु के अनुसार व्यवस्थित करना चाहिए। यदि आप नया घर खरीदने की योजना बना रहे हैं, तो यह आवश्यक है कि आप वास्तु के कुछ महत्वपूर्ण नियमों का पालन करें, ताकि आपके नए घर में शांति, समृद्धि एवं सुख का वास हो।

नया घर खरीदते समय इन बातों का ध्यान रखें: प्राकृतिक वातावरण:  घर खरीदते वक़्त हमेशा ऐसी जगह का चयन करें जहां सूर्य की रोशनी अच्छी तरह से आ सके तथा ताजगी से भरी प्राकृतिक हवा उपलब्ध हो। हवा की आवाजाही और सूरज की रोशनी न आने वाली जगह पर घर खरीदने से बचें।

उत्तर दिशा:  वास्तु शास्त्र के अनुसार, उत्तर दिशा में कुबेर देवता तथा अन्य देवी-देवताओं का वास होता है। इसलिए, घर खरीदते वक़्त यह सुनिश्चित करें कि घर उत्तर दिशा में स्थित हो और पूजा घर भी उत्तर दिशा में हो। उत्तर-पूर्व दिशा में पूजा घर होना विशेष रूप से शुभ माना जाता है। अन्य दिशाओं में पूजा घर होने पर घर खरीदने से बचें।

टॉयलेट की दिशा:  टॉयलेट की दिशा का खास ध्यान रखें। वास्तु के मुताबिक, पश्चिम दिशा में टॉयलेट होना शुभ होता है। किसी अन्य दिशा में टॉयलेट होने पर वहां वास्तु दोष उत्पन्न होता है। नया घर खरीदते समय टॉयलेट की दिशा की जांच जरूर करें।

किचन की दिशा:  किचन की दिशा का भी वास्तु शास्त्र में विशेष महत्व है, क्योंकि मां अन्नपूर्णा किचन की देवी मानी जाती हैं। दक्षिण-पूर्व दिशा में किचन होना सबसे शुभ माना जाता है। अगर किचन किसी अन्य दिशा में हो, तो उस घर को खरीदने से बचें।

मुख्य द्वार: घर के मुख्य द्वार के सामने किसी भी तरह का पेड़, पानी की टंकी या नल नहीं होना चाहिए। ऐसी जगह पर घर खरीदने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार नहीं होता तथा अशुभता का सामना करना पड़ता है।

इन वास्तु नियमों का पालन करके आप अपने घर में सुख, समृद्धि और शांति ला सकते हैं।

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