नई दिल्लीः देश की सबसे प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों में शुमार जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय अपने गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए जाना जाता है। विवि में देश के अलावा विदेशों से भी बड़ी संख्या में छात्र पढ़ने आते हैं। बीते कुछ समयों में खासकर मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद यह विश्वविधालय सरकार विरोधी अहम केंद्र के तौर पर उभरा। उस दौरान आजादी वाली स्लोगन काफी फेमस हुए थे। मगर अब ऐसा लगता है कि वहां के छात्रों की हॉस्टल की आजादी अब खत्म होने वाली है। विश्वविद्यालय प्रबंधन ने हॉस्टल नियम का एक ड्राफ्ट तैयार किया है। जिसके तहत जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय के छात्र रात 11:30 बजे के बाद हॉस्टल में प्रवेश नहीं कर पाएंगे। हने-खाने के आधार पर बिल देना होगा। खास बात यह है कि कपड़ों की आजादी पर खुलकर अपनी बात रखने वाले छात्र-छात्राएं अब कुछ भी पहनकर मैस रूम में खाना खाने नहीं आ पाएंगे। यह ड्राफ्ट जेएनयू के कुलपति प्रो. एम जगदीश कुमार की अध्यक्षता में आयोजित कमेटी ने बनाया है। ड्राफ्ट के प्रस्ताव को एग्जीक्यूटिव काउंसिल में पास करवा लिया गया है। फिलहाल इस पर छात्रों की राय ली जा रही है। नए नियमों के तहत अब लड़कियां लड़कों के हॉस्टल में कमरों तक नहीं जा सकेंगी। अगर कोई छात्रा किसी पुरुष हॉस्टल कमरे में पाई जाती है तो जुर्माने के साथ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। नए नियमों के ड्राफ्ट में हॉस्टल आवंटन, ठहरने, छुट्टी, खाना-पीना, गुणवत्ता से लेकर ऑडिट भी शामिल है। इससे पहले 2005 में हॉस्टल नियमों में बदलाव किया था। कुल 132 पन्नों में हॉस्टल नियम हैं। विश्वविद्यालय कैंपस में कुल 18 हॉस्टल हैं। इसमें आठ पुरुष, पांच महिला और पांच मैरिड हॉस्टल हैं। विश्वविद्यालय प्रबंधन ने सभी स्टेकहोल्डर से 18 अक्तूबर तक इस पर सुझाव मांगे हैं। बता दें कि मोदी सरकार पर विरोधी विश्वविद्यालयों की स्वायत्ता पर हमला करने का आरोप लगाते रहते हैं। नवरात्र विशेष: यहाँ रक्त से होता है माँ दुर्गा का अभिषेक, नवजात से बुजुर्ग तक अर्पित करते हैं अपना खून उत्तरप्रदेश: तेज रफ़्तार पिकअप वेन ने चार लोगों को रौंदा, सभी की मौत मिशन 2022 में जुटी कांग्रेस, यूपी में घर तलाश रही प्रियंका गाँधी